द्वारका से खाली हाथ लौटते समय सुदामा मार्ग में क्या-क्या सोचते जा रहे थे? वह कृष्ण के व्यवहार से क्यों खीझ रहे थे? सुदामा के मन की दुविधा को अपने शब्दों में प्रकट कीजिए।
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द्वारिका से खाली हाथ लौटते समय सुदामा मार्ग में सोचते जा रहे थे कि वह अपने दुख दर्द को मिटाने के लिए श्रीकृष्ण के पास गए थे ,पर वो उनसे कुछ कह नहीं सके। उनके अभाव तो पहले जैसे ही रह गए। उनको ऐसा लग रहा था कि उनकी गरीबी अब भी ज्यों की त्यों थी क्योंकि उन्होंने श्री कृष्ण से सहायता तो मांगी ही नहीं थी।
. वे कृष्ण के व्यवहार से खीझ रहे थे क्योंकि केवल आदर सत्कार करके ही श्रीकृष्ण ने सुदामा को खाली हाथ भेज दिया था। वे तो कृष्ण के पास जाना ही नहीं चाहते थे। परन्तु उनकी पत्नी ने उन्हें भेज दिया। उन्हें इस बात का पछतावा भी हो रहा था कि माँगे हुए चावल भी हाथ से निकल गए और कृष्ण ने कुछ दिया भी नहीं।
सुदामा के मन की दुविधा को अपने शब्दों में प्रकट कीजिए। उत्तर:- द्वारका से खाली हाथ लौटते समय सुदामा का मन बहुत दुखी था। ... वे कृष्ण के व्यवहार से खीझ रहे थे क्योंकि उन्हें आशा थी कि श्रीकृष्ण उनकी दरिद्रता दूर करने के लिए धन-दौलत देकर विदा करेंगे परंतु श्रीकृष्ण ने उन्हें चोरी की उलहाना देकर खाली हाथ ही वापस भेज दिया।