द्वारपार ने सुदामा की दीनदशा का वणनन कैसे किया था
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द्वारपाल ने श्रीकृष्ण के पास जाकर निवेदन कर रहा है कि दरवाजे पर एक दुर्बल ब्राह्मण खड़ा है। वह दीनों पर दया करने वाले श्रीकृष्ण अर्थात् आपका निवास स्थान पूछ रहा है और अपना नाम सुदामा बता रहा है।
(ख) भाव:कवि वर्णन करता है कि श्रीकृष्ण दीन मित्र सुदामा को देखकर इतने भाव-विह्वल हो गये कि उन्होंने परात में लाये गये पानी को हाथ से भी नहीं छुआ और अपने आँसुओं से ही मित्र सुदामा के पैर धो दिए।
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Answer:
उन्होंने श्रीकृष्ण से कहा कि आपके राज्य में एक गरीब व्यक्ति द्वारकानगरी आया है। उसकी धोती बहुत छोटी है। उसने अपनी धोती बाँधी है। वह बहुत गरीब दिखता है। उसने जूते भी नहीं पहने हैं।उन्होंने पगड़ी नहीं पहनी है। वह किस शहर से है, इसकी जानकारी नहीं है। वह आश्चर्यजनक तरीके से द्वारका को देख रहा है।वह बता रहा है कि वह सुदामा है।वह बताता है कि वह आपका दोस्त है और आपसे मिलना चाहता है।
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