द्विसंकरण क्रास पर आधारित मेण्डल के वंशागति
सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए?
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प्रत्येक युग्मक में पहुँचने वाला कारक अपनी शुद्धतम अवस्था में होता है । अतः इसे युग्मकों की शुद्धता का नियम भी कहते है । मेंडल ने दो जोड़ी विपर्यासी लक्षणों वाले भिन्न पौधों के मध्य संकरण कराया , इसे ही द्विसंकरण प्रयोग कहते है ।
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द्विसंकर संकरण (Dihybrid Cross)-वह क्रॉस जिसमें दो लक्षणों की वंशागति का अध्ययन किया जाता है, उसे द्विसंकर क्रॉस कहते हैं। मेण्डल ने दो युग्मविकल्पी लक्षणों जैसे गोल व पीले (RRYY) बीज वाले पादप और झुरींदार व हरे (rryy) बीज वाले पादप में क्रॉस करवाया। तब F1 पीढ़ी में गोल व पीले (RrYy) बीज वाले पादप उत्पन्न हुये।
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