द्वितीय आवर्त के तत्त्वों में वास्तविक आयनन एन्थैल्पी का क्रम इस प्रकार है-Li < B < Be < C < O < N < F < Ne l व्याख्या कीजिए कि (i) Be की , B से अधिक क्यों है? (ii) O की ,N और F से कम क्यों है?
Answers
(i) Be की , B से अधिक होती है |
(ii) O की ,N और F से कम होती है |
Explanation:
(i) बेरिलीयम के 2s कक्षक से इलेक्ट्रॉन को हटाया जात है और बोरोन के 2p कक्षक से इलेक्ट्रॉन को हटाया जाता है , अर्थात बेरिलीयम का इलेक्ट्रॉन , बोरोन के इलेक्ट्रॉन की तुलना में नाभिक से ज्यदा मजबूती से आकर्षित होता है | अतः बेरिलीयम के 2s कक्षक से इलेक्ट्रॉन को निकालने मे , बोरोन के 2p कक्षक से इलेक्ट्रॉन को नकालने की तुलना में ज़्यादा उर्जा की आवश्यकता होती है | इसलिए , Be की , B से अधिक होती है |
(ii) नाइट्रोजन में , तीन 2p कक्षक का इलेक्ट्रॉन तीन परमाणु कक्ष को ग्रहण कर लेता है जबकि ऑक्सिजन में , ऑक्सिजन के चार मे से दो 2p कक्षक का इलेक्ट्रॉन उसी 2p कक्ष को ग्रहण करता है | जिसका परिणाम ऑक्सिजन परमाणु के इलेक्ट्रोनो के बीच प्रतिकर्षण . जाता है | अर्थात , ऑक्सिजन से इलेक्ट्रॉन को निकालने मे , नाइट्रोजन से इलेक्ट्रॉन को निकालने की तुलना में कम उर्जा की आवश्यकता होती है , इसलिए , O की ,N से कम है |
फ्लोरिने परमाणु के संयोजक का इलेक्ट्रॉन , ऑक्सिजन परमाणु के संयोजक का इलेक्ट्रॉन की तुलना में ज़्यादा प्रभावी नभिकिये आवेश अनुभव करता है | अतः फ्लोरिने से इलेक्ट्रॉन निकालने पर ज़्यादा उर्जा की आवश्यकता होती है ऑक्सिजन से इलेक्ट्रॉन निकालने की तुलना में , इसलिए , इसलिए , O की ,F से कम है |