Hindi, asked by vikasmrt7, 1 month ago

द्विवेदी जी ने उर्मिला को कहा है :​

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Answered by guptaakshara97
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निबंधकार महावीर प्रसाद द्विवेदी को इस बात का काफी दुख है कि तुलसीदास जैसे महान कवि ने भी जिनकी अवधारणा काफी मजबूती Page 3 के साथ आई है वे भी अपनी आर्द्रता,करुणा,सहानुभूति उर्मिला के प्रति व्यक्त नहीं कर सके। कमण्डलु के करुणा वरि का सारा जल सीता को ही समर्पण कर दिया,उर्मिला के ऊपर उस वारि का कण भी नहीं पड़ने दिया।

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