Hindi, asked by divyabhamare, 9 months ago

दिव्य आर्य संतान के गुण लीखिये​

Answers

Answered by Anonymous
0

Answer:

1)   कहीं से हम आये थे नहीं-----

‘’भारत महिमा’’ जयशंकर प्रसाद की लिखी हुई देशभक्ति पूर्ण कविता है ।इन पंक्तियों में कवि ने भारत भूमि तथा उसके निवासियों का अखंड संबंध दर्शाते हुए लिखा है कि यह भारत भूमि आदिकाल से हमारी मातृभूमि है । यही हमारी जन्मभूमि है । इसी  नैसर्गिक वातावरण में हमारा लालन-पालन हुआ है । हम आक्रान्ता नहीं है | किसी को लूट कर या छीन कर हमने इस भारतवर्ष को अपना आवास नहीं बनाया अपितु हम इसी भारतवर्ष की संतान है । यह हमारा प्यारा भारत देश है ।

 

2) वही हम दिव्य आर्य संतान -----

     देश भक्ति के भाव से ओतप्रोत ‘’भारत महिमा’’ नामक जयशंकर प्रसाद की इस कविता में भारतीय सपूतों का गुणगान किया गया है । इसके अंतर्गत कवि ने दर्शाया है कि हमारे पूर्वज शक्ति संपन्न होने पर भी विनम्रता से परिपूर्ण थे । उनकी गौरव-गरिमा इसी बात से पता चलती है कि उन्होंने दीन-हीन लोगों की सहायता की । दान के लिए संग्रह करना, अतिथियों का सदैव सत्कार करना, जैसे दिव्य गुणों का उन्होंने अनुसरण किया था । उन्हीं का रक्त हमारी रगों में दौड़ता है । ये हमारा ही भारत देश है और वही हमारी हिम्मत है । हममें अब भी वही बल-बुद्धि और तेज है | हम उन्हीं दिव्य आर्यों की संतान

Similar questions