दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016, के अनुसार उनको समान अधिकार प्राप्त हैं और समाज में उनकी पूरी भागीदारी संभव बनाना सरकार का दायित्व है। सरकार को उन्हें नि:शुल्क शिक्षा देनी है और विकलांग बच्चों को स्कूलों की मुख्यधारा में सम्मिलित करना है। कानून यह भी कहता हैं कि सभी सार्वजनिक स्थल, जैसे-भवन, स्कूल आदि में ढलान बनाए जाने चाहिए, जिससे वहाँ विकलांगों के लिए पहुँचना सरल हो।
चित्र को देखिए और उस बच्चे के बारे में सोचिए, जिसे सीढ़ियों से नीचे लाया जा रहा है। क्या आपको लगता है कि इस स्थिति में उपर्युक्त कानून लागू किया जा रहा है? वह भवन में आसानी से आ-जा सके, उसके लिए क्या करना आवश्यक है? उसे उठाकर सीढ़ियों से उतारा जाना, उसके सम्मान और उसकी सुरक्षा को कैसे प्रभावित करता है?
Answers
नहीं, इस स्थिति में उपर्युक्त कानून दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 लागू नहीं किया जा रहा है।
वह भवन में आसानी से आ-जा सके, उसके लिए भवन का एक समतल ढलान होना चाहिए ताकि एक विकलांग व्यक्ति अपने आप वहां पहुंच सके। उसे उठाकर सीढ़ियों से उतारे जाने से उसके मरने विवशता का भाव उत्पन्न होगा। ऐसा उसके लिए असुरक्षित भी होगा। सुरक्षा अधिकारी अथवा बच्चा फसल भी सकता है। इससे उसे चोट लग सकती है।
Explanation:
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016, के अनुसार उनको समान अधिकार प्राप्त हैं और समाज में उनकी पूरी भागीदारी संभव बनाना सरकार का दायित्व है। सरकार को उन्हें नि:शुल्क शिक्षा देनी है और विकलांग बच्चों को स्कूलों की मुख्यधारा में सम्मिलित करना है। कानून यह भी कहता हैं कि सभी सार्वजनिक स्थल, जैसे-भवन, स्कूल आदि में ढलान बनाए जाने चाहिए, जिससे वहाँ विकलांगों के लिए पहुँचना सरल हो।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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