देव ! यह मेरे पितृ पितामहों की भूमि है । इसे बेचना अपराध है ; इसलिए मूल्य स्वीकार करवा मेरी
सामथ्य के बाहर है। महाराज के बोलने के पहले ही वृद्ध मंत्री ने तीखे स्वर से कहा - अबोध ! क्या
बक रही है ? राजकीय अनुग्रह का तिरस्कार ! तेरी भूमि से चौगुना मूल्य है ; फिर कोशल का तो यह
सुनिश्चित राष्ट्रीय नियम है, तू आज से राजकीय रक्षण पाने की अधिकारिणी हुई। इस धन से अपने को
सुखी बना।
Answers
Answered by
0
Explanation:
plz Mark me brainliest plz
Similar questions
Math,
3 months ago
History,
3 months ago
Science,
7 months ago
Social Sciences,
11 months ago
Biology,
11 months ago