देवनागरी लिपि में वर्ण व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
Answers
देवनागरी लिपि में वर्ण व्यवस्था
वर्ण क्या है?
भाषा की सबसे छोटी इकाई वर्ण है | भाषा विज्ञान में भाषा को ऐसी बौद्धिक क्षमता के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो ध्वनि प्रतीकों के माध्यम से अभिव्यक्त होती है | भाषा के इन्हीं पारंपरिक ध्वनि प्रतीकों को वर्ण कहते हैं | वर्ण ध्वनियों के उच्चरित और लिखित दोनों रूपों के प्रतिक हैं और ये ही भाषा की लघुतम इकाई हैं | हिंदी के वर्णों को अक्षर भी कहा जाता है | हिंदी के वर्ण देवनागरी लिपि में लिखे जाते हैं |
वर्णमाला क्या है?
वर्णों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं | हिंदी भाषा के लेखन में जो चिह्न (वर्ण) प्रयुक्त होते हैं, उनके समूह को वर्णमाला कहते हैं |हिंदी वर्णमाला में पहले स्वर वर्णों और बाद में व्यंजन वर्णों की व्यवस्था है | हिंदी के वर्णों को अक्षर भी कहा जाता है क्योंकि उनका स्वतंत्र उच्चारण हो सकता है | स्वर अपने प्रकृति से ही अक्षर होते हैं, लेकिन हिंदी के व्यंजन वर्णों में भी ‘अ’ वर्ण रहता है | कई बार स्वर रहित व्यंजन का प्रयोग होता है! स्वर रहित वयंजन लिखने के लिए उसके निचे हलंत (,) का चिह्न लगाना पड़ता है | देवनागरी अंक : ० १ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९
यह भारत में सर्वाधिक प्रचलित लिपि जिसमें संस्कृत, हिन्दी और मराठी भाषाएँ लिखी जाती हैं। इसमें कुल 52 अक्षर हैं, जिसमें 14 स्वर और 38 व्यंजन हैं। अक्षरों की क्रम व्यवस्था, विन्यास भी बहुत ही वैज्ञानिक है। स्वर-व्यंजन, कोमल-कठोर, अल्पप्राण-महाप्राण, अनुनासिक्य-अन्तस्थ-उष्म इत्यादि वर्गीकरण भी वैज्ञानिक हैं। एक मत के अनुसार देवनगर काशी में प्रचलन के कारण इसका नाम देवनागरी पड़ा।
भारत तथा एशिया की अनेक लिपियों के संकेत देवनागरी से अलग हैं, पर उच्चारण व वर्ण-क्रम आदि देवनागरी के ही समान हैं- क्योंकि वो सभी ब्राह्मी लिपि से उत्पन्न हुई हैं। इसलिए इन लिपियों को परस्पर आसानी से लिप्यन्तरित किया जा सकता है। देवनागरी लेखन की दृष्टि से सरल, सौन्दर्य की दृष्टि से सुन्दर और वाचन की दृष्टि से सुपाठ्य है।
Answer:
देवनागरी एक भारतीय लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कई विदेशी भाषाएँ लिखी जाती हैं। यह बायें से दायें लिखी जाती है। इसकी पहचान एक क्षैतिज रेखा से है जिसे 'शिरोरेखा' कहते हैं। संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, हरियाणवी, डोगरी, खस, नेपाल भाषा (तथा अन्य नेपाली भाषाएँ), तमांग भाषा, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, नागपुरी, मैथिली, संताली, राजस्थानी बघेली आदि भाषाएँ और स्थानीय बोलियाँ भी देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में गुजराती, पंजाबी, बिष्णुपुरिया मणिपुरी, रोमानी और उर्दू भाषाएँ भी देवनागरी में लिखी जाती हैं। देवनागरी विश्व में सर्वाधिक प्रयुक्त लिपियों में से एक है। यह दक्षिण एशिया की १७० से अधिक भाषाओं को लिखने के लिए प्रयुक्त हो रही है। [4]