दिया? 19-54
2. निम्नलिखित पंक्तियों का भाव अपने शब्दों में लिखिए-
“पृथ्वी अपनी गंध को, अग्नि उष्णता को, आकाश शब्द को, वायु स्पर्श को, जल आर्द्रता को, चंद्र शीतलता को, सूर्य
तेज़ को, धर्मराज धर्म को भले छोड़ दें किंतु मैं तीनों लोकों के राज्य या उससे भी महान सुख के लिए भी अपना व्रत
नहीं छोडूंगा।"
प्ल्ज़ तेल दी आंसर
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मुझे तोड़ लेना, वनमाली!
उस पथ पर देना तुम फेंक,
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