दिये गये पद्यांश का ससंदर्भ हिन्दी में अनुवाद कीजिए परोक्षेकार्य हत्तारं प्रत्यक्षेप्रियवादिनम् । वर्जयेत्तादृशं मित्र विषकुम्भं पयोमुजम ।।
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पीठ पीछे काम बिगाड़नेवाले था सामने प्रिय बोलने वाले ऐसे मित्र को मुंह पर दूध रखे हुए विष के घड़े के समान त्याग देना चाहिए । # पीठ पीछे काम बिगाड़ने वाला, और सामने मीठा बोलने वाला जो मित्र हो, उसे उसी तरह त्याग देना चाहिए, जैसे विष से भरे हुए, और ऊपर से दूध दिखाई देने वाले घड़े को।
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