: दो या दो से अधिक शब्द जब अपनी विभक्ति (चिन्ह) छोड़कर आपस में मिलते हैं तो उसे क्या कहते
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दो या दो से अधिक शब्द जब अपनी विभक्ति (चिन्ह) छोड़कर आपस में मिलते हैं तो उसे समास कहते है।
- पदों को अलग अलग करना समास विग्रह कहलाता है।
- समास के निम्नलिखित भेद है।
- अव्ययी भाव समास : अव्ययी भाव समास में पहला पद प्रधान होता है जैसे आजीवन - जीवन भर
- आमरण - मरण तक ।
- अव्ययी भाव समास में पुनरावृत्ति वाले शब्द भी समास होते है जैसे धीरे धीरे , रातोरात आदि।
- समास के उदा : वनमाली - वन का माली।
- तत्पुरुष समास : तत्पुरुष समास में उत्तर पद की प्रधानता होती है।
- तत्पुरुष समास के उदाहरण : वनमाली - वन का माली।
- द्वंद्व समास : द्वंद्व समास में दोनों पदों की प्रधानता होती है। समास विग्रह में अधिकतर " और " शब्द प्रयुक्त होता है।
- द्वंद्व समास के उदाहरण : राम - रहीम = राम और रहीम ।
- राजा - रानी = राजा और रानी।
- द्विगु समास : इस प्रकार के समास में प्रथम पद संख्या वाचक होता है।
- द्विगु समास के उदाहरण : त्रिदल - तीन दलों जा समूह ।
- नौरत्न - नौ रत्नों का समूह ।
- बहुब्रीही समास : बहुब्रीही समास में दोनों पद गौण होते है जैसे अनंग - जिसके अंग न हो।
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जब दो या दो से अधिक शब्द आपस में मिल जाते हैं, अपने विभक्ति या चिह्न को छोड़ देते हैं, तो उसे यौगिक कहा जाता है।
समास का अर्थ है संक्षिप्त रूप या संक्षिप्त रूप।
जब दो या दो से अधिक शब्द आपस में जुड़कर एक नया और छोटा शब्द बनाते हैं तो उसे यौगिक कहते हैं।
यौगिक के प्रकार:
अव्ययी भव समास: इस प्रकार के समास में, पहला पद प्रमुख होता है, जैसे मृत्यु-मृत्यु तक।
तत्पुरुष समास: इस प्रकार के समास में वन-गमन = वन की ओर गति जैसे द्वितीय पद प्रधान होता है।
द्विगु समास: द्विगु समास में पहला श्लोक एक संख्या वाचक है, जैसे दोराहा = दो पथों का समूह।
द्वंद्व समास: दोनों पद प्रमुख हैं जैसे
दीया - बाटी = दिया और बाती।
बाहुबरी समास: इस प्रकार के समास में, दोनों पद गौण हैं।
उदाहरण अनंग : जिसका कोई पार्ट नहीं है।
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