Hindi, asked by riya9219, 9 months ago

Thaal mein laaun sajakar bhaal jab bhi pankit nihit bhaav ko spasht kijiye

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Answered by LovelyFuzzie
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Rishav Riya kabhi kuch nahi likhti ....

Answered by Vishwaabhi
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Answer:

माँ तुम्हारा ऋण बहुत है, मैं अकिञ्चन,

किन्तु इतना कर रहा, फिर भी निवेदन।

थाल में लाऊँ सजाकर भाल जब भी,

कर दया स्वीकार लेना वह समर्पण।

Explanation:

व्याख्या-हे मातृभूमि, मुझ पर तेरे ऋण (कर्ज) का बोझ बहुत है। मैं दीन हूँ (उस कर्ज के बोझ को मैं किस तरह उठा सकूँगा)। फिर भी मैं यह निवेदन कर रहा हूँ कि जब भी अपने इस मस्तक को थाल में सजाकर लेकर आऊँ, तो मेरे इस समर्पण को (सेवा में दी गई इस वस्तु को) स्वीकार करने की कृपा करना।

कवि रामावतार त्यागी जी थाल में भाल सजाकर लाना चाहते हैं।

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