दबाव के संप्रत्यय की व्याख्या कीजिए I दैनिक जीवन से उदाहरण दीजिए I
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दबाव मनुष्य के जीवन का एक अंग माना जाता है। दबाव की प्रकृति के अनुसार, इसे हम ना तो उद्दीपक की संज्ञा दे सकते हैं और ना ही इसे अनुक्रिया कहा जा गाकता है। असल में, दबाव को पर्यावरण और व्यक्ति के बीच की एक संव्यवहार प्रक्रिया के रूप में देखा जाता है। दैनिक जीवन में दबाव के स्त्रोत निम्न प्रकार के हो सकते हैं: व्यक्तिगत चोट, किसी की मृत्यु, अनसुलझी और खीझ दिलाने वाली परेशानियाँ और अन्य घटनाएँ।
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