दबाव समूह स्वार्थी तत्वों का समूह है। इसीलिये इसे समाप्त कर देना चाहिये।
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दबाव समूह स्वार्थी लोगों का समूह है इसे समाप्त कर देना चाहिए। इस कथन से सहमत हुआ जा सकता है, क्योंकि अक्सर ऐसा आजकल की राजनीतिक प्रक्रिया में देखा गया है कि दबाव समूह अस्तित्व में तो आता जनता के हित के नाम पर लेकिन शीघ्र स्वार्थ सिद्धि की प्रक्रिया में लग जाता है। उसे फिर जनता के हित से कोई लेना देना नहीं होता जबकि वह अस्तित्व में ही जनता के हित के नाम पर आता है।
कुछ महत्वाकांक्षी लोगों की महत्वाकांक्षा दबाव समूह को स्वार्थी समूह बना देती है। दबाव समूह कुछ लोगों का संगठन होता है जो सरकार पर तरह तरह कई दबाव बनाकर अपनी उचित-अनुचित मांगे मनवाने का प्रयास करते हैं। यह मांगे जनता के हित में भी हो सकती हैं। लेकिन जब उनका दबाब धीरे-धीरे सरकार पर कायम होने लगता है तो उनमें से महत्वाकांक्षी प्रवृत्ति और स्वार्थी प्रवृत्ति जागने लगती है और वे अपने स्वार्थ पर केंद्रित हो जाते हैं। इसके लिए दबाव समूह को स्वार्थी लोगों का समूह है इसे समाप्त कर देना चाहिए।
चूंकि दबाव समूह राजनीति से संबंध रखते हुये भी राजनीति से सीधे जुड़े हुये नही होते, इसलिये वो जनता के प्रति अपनी जवाबदारी भी नही समझते और इस कारण उनके स्वार्थी तत्व में परिवर्तित होने की पूरी संभावना होती है।
लोकतंत्र का अर्थ है लोगों द्वारा शासित
Explanation:
- प्रत्यक्ष लोकतंत्र में, लोग बिना किसी मध्यस्थ के नीतियों पर निर्णय लेते हैं।
- उपयोग में विशेष प्रणाली के आधार पर, प्रत्यक्ष लोकतंत्र कार्यकारी निर्णयों को पारित करने, छंटनी का उपयोग, कानून बनाने, अधिकारियों को सीधे चुनाव या बर्खास्त करने, और परीक्षणों का संचालन कर सकता है।
- लोकतंत्र में चार प्रमुख तत्व होते हैं: स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के माध्यम से सरकार को चुनने और बदलने के लिए एक राजनीतिक प्रणाली; राजनीति और नागरिक जीवन में नागरिकों के रूप में लोगों की सक्रिय भागीदारी; सभी नागरिकों के मानवाधिकारों की सुरक्षा।
- प्रतिनिधि लोकतंत्र (अप्रत्यक्ष लोकतंत्र, प्रतिनिधि सरकार या छद्म लोकतंत्र) भी लोकतंत्र का एक प्रकार है जो प्रत्यक्ष लोकतंत्र के विपरीत चुने गए अधिकारियों के समूह के सिद्धांत पर स्थापित होता है।