दबाव समूह या हित समूह कैसे लोकतंत्र मे सता मे साझेदारी करते है
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उत्तर:
लोकतंत्र में दबाव समूहों की सता मे साझेदारी इस प्रकार से है -
- दबाव समूह विभिन्न समुदायों की मांगों और हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं और इसलिये भारत जैसे एक बहुलवादी राष्ट्र के महत्त्वपूर्ण अंग हैं। ये लोगों को राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिये प्रोत्साहित करते हैं।
- दबाव समूह मतदाताओं को शिक्षित और सूचित भी करते हैं और इस प्रकार वे राजनीतिक शिक्षा को बढ़ावा देते हैं।
- लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिये सामाजिक परिवर्तन के उद्देश्य को प्राप्त करने में दबाव समूह महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- दबाव समूहों के माध्यम से नीति-निर्माताओं को यह पता चलता है कि कैसे कुछ विशेष मुद्दों पर जनता क्या अनुभव करती है।
निष्कर्ष:
दबाव समूह की गतिविधियाँ कई तरीकों से लोकतांत्रिक सरकार के साझेदारी में उपयोगी होती हैं। ऐसे समूह शक्तिशाली बिजनेस लॉबी या राजनेता या राजनैतिक पार्टी के खिलाफ आम जनता की आवाज बुलंद करने में मदद करते हैं।
कई बार ऐसा लग सकता है कि दबाव समूह विध्वंसक काम कर रहे हैं लेकिन ऐसे कामों से शक्तिशाली शासक वर्ग और शक्तिहीन आम आदमी के बीच संतुलन बना रहता है। हम कह सकते हैं कि दबाव समूह लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करने में मदद करते हैं।
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1815 की वियाना कांग्रेस के उद्देश्य बताइए इसकी प्रमुख व्यवस्थाओं का वर्णन कीजिए
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