'ठग ठाकुरों' से कवि का संकेत किसकी और है?
गे' से कवि का संकेत उन लोगों की और
Answers
Explanation:
ठग-ठाकुरों' से कवि का संकेत किसकी ओर है?
ANSWER:
कवि ठग-ठाकुरों शब्द कहकर समाज में व्याप्त धोखेबाज़ लोगों की ओर संकेत कर रहा है। उसके अनुसार इस प्रकार के लोग समाज में फैले हुए हैं। इनका निशाना गरीब किसान और मज़दूर वर्ग हैं। ये उनका लगातार शोषण करते हैं और उनका जीवन नरकीय बनाए हुए हैं। ये सामंती वर्ग के प्रतिनिधि हैं, जिनका उद्देश्य किसानों ओर मज़दूरों का खून चूसना है।
Question 3:
'जल उठो फिर सींचने को' इस पंक्ति का भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
ANSWER:
यह पंक्ति निराशा और दुख से उभरने की प्रेरणा देती है। कवि के अनुसार मनुष्य को निराशा और दुख से उभरने के लिए एक बार फिर प्रयत्नशील होना चाहिए। यह कविता जहाँ उत्साह का संचार करती है, वहीं यह आशा भी बाँधती है कि संघर्ष से लड़कर निकला जा सकता है। अत: कवि लोगों को जीवन में निराशा और दुख से लड़ने के लिए प्रेरित कर उन्हें जीवन में आगे बढ़ने का मार्ग बताता है।