Hindi, asked by Manish14567, 1 year ago

दहेज प्रथा नैतिक मूल्यो का हनन कर रही है। कैसे?

Answers

Answered by Priatouri
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दहेज प्रथा एक ऐसी प्रथा है जिसमें विवाह के समय माता पिता अपनी पुत्री  को कुछ जरूरत की वस्तुएं देते हैं । दहेज केवल इसलिए दिया जाता था कि उनकी पुत्री को किसी नए घर में जाकर कुछ सामान की आवश्यकता पड़े तो वह किसी से मांगे ना बल्कि अपने वस्तु का इस्तेमाल कर सके । कुछ समय तक तो इस प्रथा का कोई दुष्परिणाम सामने नहीं आया लेकिन कालांतर में इस प्रथा के दुष्परिणाम सामने आने लगे । चूंकि इससे वर के परिवार पर कोई भर नहीं पड़ता तो वे वधु के परिवार से अधिक दहेज की आकांक्षा करते हैं । वे न केवल दहेज़ के लिए लड़कियों को प्रताड़ित करते हैं बल्कि उन्हें जान से मारने के प्रयास भी करते हैं , जैसे, उन्हें जिंदा जला देते हैं या फिर कमरे में बंद कर देते हैं खाना नहीं देते आदि । इससे हमारे नैतिक मूल्यों का हनन हो रहा है हम अपनी संस्कृति और सभ्यता को भूलते जा रहे हैं और दानव बनते जा रहे हैं ।

Answered by Anonymous
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Answer:

दहेज प्रथा नैतिक मूल्यो का हनन कर रही है क्योंकि जिस लड़की के परिवारवाले अपने दहेज पूरे नहीं कर पाते उस लड़की के ससुरालवाले उसे कई तरह से परेशान करते हैं ताकि उस लड़की के परिवारवाले दहेज देने पर मजबूर हो जाएँ ।यह एक ऐसी सामाजिक कुरीति है जो नैतिक मूल्यों का हनन कर रही है ।

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