Hindi, asked by uruzkaneez, 29 days ago

दहेज समाज के लिए एक कलंक है इस पर अपने विचार लिखें 30 to 40 lines​

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Answered by shivamankush1997
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समाज का कलंक है दहेज दूर करने में आगे आएं लोग

3 वर्ष पहले

दहेज सभ्य समाज के लिए कलंक है। आज लड़का-लड़की में कोई फर्क नहीं किया जाता। इसके बाद भी दहेज लेना जायज नहीं है। दहेज प्रथा महिलाओं में मानसिक हीनता, अवसाद का कारण बन गई है। सभी समुदाय के लोग सामूहिक मुहिम चलाकर इस बुराई को दूर करने के लिए कदम बढ़ाएं। यह बातें मौलाना आजाद वेल्फेयर सोसाइटी के चेयरमैन अलिरजा अंसारी ने सोसायटी द्वारा दहेज के खिलाफ मुहिम की शुरुआत करते हुए कही।

कैरो प्रखंड मुख्यालय स्थित झारखंड पब्लिक स्कूल में सोसाइटी ने समाज की इस बुराई को जड़ से उखाड़ने का संकल्प लिया। अलीरजा ने कहा कि गांव समाज में उच्च शिक्षित, सुशील और समझदार युवतियां शादी की उम्र पार कर कुंवारी हैं, तो इसके जिम्मेदार पढ़े लिखे लोग हैं। इस बुराई ने समाज को खोखला कर दिया है। हर धर्म के धार्मिक गुरुओं इस कलंक को दूर करने के लिए मुहिम में साथ आएं। मौलाना जाहिद फलाही साहब ने इस्लाम में दहेज की हकीकत पर रोशनी डालते हुए कहा कि नौजवान इसके खिलाफ आगे आएंगे तभी इस सामाजिक बुराई पर काबू पाया जा सकता है। मौलाना मुजम्मिल मजाहिरी ने कहा कि दहेज की मांग करने वालों पर अल्लाह की लानत होती है। निर्णय लिया गया कि दहेज के खिलाफ व्यापक प्रचार अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाएगा।

गांव गांव में बैठक कर और बैनर, पम्पलेट, पोस्टर, हैंडविल आदि के माध्यम से लोगों को दहेज से होने वाले नुकसान की जानकारी दी जाएगी। इस मौके पर आदर्श ग्रामीण शिक्षा प्रसार ट्रस्ट के सचिव अमीन अंसारी ने कहा कि अभियान चलाकर दहेज की मांग करने वाले लोगों को कानून के हवाले किया जाएगा। बैठक में सोसाइटी के सचिव समीद अंसारी, उपाध्यक्ष मुस्लिम अंसारी, प्रवक्ता नईम अंसारी, खजांची मुफीद अंसारी, मनौवर अंसारी, मो. कलीम साहब, जावेद अख़्तर, शोएब अंसारी, मो जैद, मो तबारक, शादाब अंसारी सहित अन्य उपस्थित थे।

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