दहेज देना इन लेना दोनों कानूनी अपराध है परंतु फिर भी इसके प्रचलन वृद्धि हो रही है रीड की हड्डी पाठ के आधार पर अपने विचार व्यक्त कीजिए
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समाज से दहेज की विकृति को खत्म करने लिए 1961 में दहेज निरोधक कानून बनाया गया था, जिसके अनुसार दहेज लेना ही नहीं, दहेज देना भी अपराध है।
अवनीश चौधरी
समाज से दहेज की विकृति को खत्म करने लिए 1961 में दहेज निरोधक कानून बनाया गया था, जिसके अनुसार दहेज लेना ही नहीं, दहेज देना भी अपराध है। दिलचस्प यह है कि दहेज मांगने से ज्यादा बड़ी सजा दहेज देने वालों के लिए निर्धारित की गई है, लेकिन आज तक सिर्फ दहेज लेने या मांगने वालों पर कार्रवाई हुई है, दहेज देने वालों पर शायद ही कोई एक्शन हुआ है। इसी वजह से दहेज की कुप्रथा खत्म नहीं हुई, बल्कि नए रूप में इसकी जड़ें ज्यादा गहरी हो चुकी हैं। संपन्न परिवारों के बीच शादी-ब्याह के दौरान लाखों-करोड़ों रुपयों का लेन-देन स्टेट्स सिंबल बन चुका है। शादी के समय यह लेन-देन 'गिफ्ट' कहलाता है, लेकिन विवाद होने पर दहेज बन जाता है।