History, asked by ranshu502, 1 year ago

दक्कन में किसानों के विद्रोह की पृष्टभूमि पर प्रकाश डाले ।

Answers

Answered by Anonymous
1

Answer:

दक्कन विद्रोह महाराष्ट्र के पूना, अहमदाबाद, सतारा और शोलापुर आदि में मुख्य रूप से फैला। यह विद्रोह साहूकारों के विरुद्ध किया गया था।

दक्कन विद्रोह महाराष्ट्र के पूना, अहमदाबाद, सतारा और शोलापुर आदि में मुख्य रूप से फैला। यह विद्रोह साहूकारों के विरुद्ध किया गया था।महाराष्ट्र के पूना एवं अहमदनगर ज़िलों में गुजराती एवं मारवाड़ी साहूकार ढेर सारे हथकण्डे अपनाकर किसानों का शोषण कर रहे थे।

दक्कन विद्रोह महाराष्ट्र के पूना, अहमदाबाद, सतारा और शोलापुर आदि में मुख्य रूप से फैला। यह विद्रोह साहूकारों के विरुद्ध किया गया था।महाराष्ट्र के पूना एवं अहमदनगर ज़िलों में गुजराती एवं मारवाड़ी साहूकार ढेर सारे हथकण्डे अपनाकर किसानों का शोषण कर रहे थे।दिसम्बर, 1874 ई. में एक सूदखोर कालूराम ने किसान (बाबा साहिब देशमुख) के ख़िलाफ़ अदालत से घर की नीलामी की डिक्री प्राप्त कर ली। इस पर किसानों ने साहूकारों के विरुद्ध आन्दोलन शुरू कर दिया।

दक्कन विद्रोह महाराष्ट्र के पूना, अहमदाबाद, सतारा और शोलापुर आदि में मुख्य रूप से फैला। यह विद्रोह साहूकारों के विरुद्ध किया गया था।महाराष्ट्र के पूना एवं अहमदनगर ज़िलों में गुजराती एवं मारवाड़ी साहूकार ढेर सारे हथकण्डे अपनाकर किसानों का शोषण कर रहे थे।दिसम्बर, 1874 ई. में एक सूदखोर कालूराम ने किसान (बाबा साहिब देशमुख) के ख़िलाफ़ अदालत से घर की नीलामी की डिक्री प्राप्त कर ली। इस पर किसानों ने साहूकारों के विरुद्ध आन्दोलन शुरू कर दिया।साहूकारों के विरुद्ध आन्दोलन की शुरुआत 1874 ई. में शिरूर तालुका के करडाह गाँव से हुई।

दक्कन विद्रोह महाराष्ट्र के पूना, अहमदाबाद, सतारा और शोलापुर आदि में मुख्य रूप से फैला। यह विद्रोह साहूकारों के विरुद्ध किया गया था।महाराष्ट्र के पूना एवं अहमदनगर ज़िलों में गुजराती एवं मारवाड़ी साहूकार ढेर सारे हथकण्डे अपनाकर किसानों का शोषण कर रहे थे।दिसम्बर, 1874 ई. में एक सूदखोर कालूराम ने किसान (बाबा साहिब देशमुख) के ख़िलाफ़ अदालत से घर की नीलामी की डिक्री प्राप्त कर ली। इस पर किसानों ने साहूकारों के विरुद्ध आन्दोलन शुरू कर दिया।साहूकारों के विरुद्ध आन्दोलन की शुरुआत 1874 ई. में शिरूर तालुका के करडाह गाँव से हुई।1875 ई. तक यह आन्दोलन पूना, अहमदाबाद, सतारा, शोलापुर आदि ज़िलों में फैल गया।

दक्कन विद्रोह महाराष्ट्र के पूना, अहमदाबाद, सतारा और शोलापुर आदि में मुख्य रूप से फैला। यह विद्रोह साहूकारों के विरुद्ध किया गया था।महाराष्ट्र के पूना एवं अहमदनगर ज़िलों में गुजराती एवं मारवाड़ी साहूकार ढेर सारे हथकण्डे अपनाकर किसानों का शोषण कर रहे थे।दिसम्बर, 1874 ई. में एक सूदखोर कालूराम ने किसान (बाबा साहिब देशमुख) के ख़िलाफ़ अदालत से घर की नीलामी की डिक्री प्राप्त कर ली। इस पर किसानों ने साहूकारों के विरुद्ध आन्दोलन शुरू कर दिया।साहूकारों के विरुद्ध आन्दोलन की शुरुआत 1874 ई. में शिरूर तालुका के करडाह गाँव से हुई।1875 ई. तक यह आन्दोलन पूना, अहमदाबाद, सतारा, शोलापुर आदि ज़िलों में फैल गया।किसानों ने साहूकारों के घरों एवं दुकानों को नष्ट कर दिया।

दक्कन विद्रोह महाराष्ट्र के पूना, अहमदाबाद, सतारा और शोलापुर आदि में मुख्य रूप से फैला। यह विद्रोह साहूकारों के विरुद्ध किया गया था।महाराष्ट्र के पूना एवं अहमदनगर ज़िलों में गुजराती एवं मारवाड़ी साहूकार ढेर सारे हथकण्डे अपनाकर किसानों का शोषण कर रहे थे।दिसम्बर, 1874 ई. में एक सूदखोर कालूराम ने किसान (बाबा साहिब देशमुख) के ख़िलाफ़ अदालत से घर की नीलामी की डिक्री प्राप्त कर ली। इस पर किसानों ने साहूकारों के विरुद्ध आन्दोलन शुरू कर दिया।साहूकारों के विरुद्ध आन्दोलन की शुरुआत 1874 ई. में शिरूर तालुका के करडाह गाँव से हुई।1875 ई. तक यह आन्दोलन पूना, अहमदाबाद, सतारा, शोलापुर आदि ज़िलों में फैल गया।किसानों ने साहूकारों के घरों एवं दुकानों को नष्ट कर दिया।ब्रिटिश सरकार ने 'दक्कन उपद्रव आयोग' का गठन किया। किसानों की स्थिति में सुधार हेतु 1876 ई. में 'दक्कन कृषक राहत अधिनियम' को पारित किया गया।

Explanation:

plz mark as brainliest........xD

Similar questions