थकावट की स्थिति में क्रिया को निरंतर करने वाली योग्यता को बढ़ाने वाली प्रशिक्षण विधियों का वर्णन कीजिए
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परंपरागत परिभाषा के अनुसार लंबे समय तक कार्य करने के फलस्वरूप घटी हुई क्षमता को ही थकान या श्रांति (fatigue/फैटिग) की संज्ञा दी जाती है। किसी कार्य को लगातार करने से उत्पादन गति का ह्रास होना ही थकान है। थकान को साधारणतया सभी लोग जानते हैं, फिर भी इसके स्वरूप को पहचानना बहुत कठिन है।
थकान की वैज्ञानिक परिभाषा गिलब्रेथ (Gilbreth) ने दी है। इनकी परिभाषा तीन तथ्यों पर आधारित है
१. कार्य करने की शक्ति का ह्रास
२. कार्य करने में आनन्द की अनुभूति
३. कार्य रहित घंटों में प्रसन्नता का अभाव थकान, कमजोरी से अलग है। आराम करने पर
थकान, कमजोरी से अलग है। आराम करने पर थकान चली जाती है जबकि कमजोरी बनी रह सकती है। थकान का कारण शारीरिक या मानसिक हो सकता है।
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