दलित जन पर करो करुणा कविता का अर्थ लिखे
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heya mate
दलित जन पर करो करुणा।
दलित जन पर करो करुणा।दीनता पर उतर आये
दलित जन पर करो करुणा।दीनता पर उतर आयेप्रभु, तुम्हारी शक्ति वरुणा।
दलित जन पर करो करुणा।दीनता पर उतर आयेप्रभु, तुम्हारी शक्ति वरुणा।हरे तन मन प्रीति पावन,
दलित जन पर करो करुणा।दीनता पर उतर आयेप्रभु, तुम्हारी शक्ति वरुणा।हरे तन मन प्रीति पावन,मधुर हो मुख मनभावन,
दलित जन पर करो करुणा।दीनता पर उतर आयेप्रभु, तुम्हारी शक्ति वरुणा।हरे तन मन प्रीति पावन,मधुर हो मुख मनभावन,सहज चितवन पर तरंगित
दलित जन पर करो करुणा।दीनता पर उतर आयेप्रभु, तुम्हारी शक्ति वरुणा।हरे तन मन प्रीति पावन,मधुर हो मुख मनभावन,सहज चितवन पर तरंगितहो तुम्हारी किरण तरुणा
दलित जन पर करो करुणा।दीनता पर उतर आयेप्रभु, तुम्हारी शक्ति वरुणा।हरे तन मन प्रीति पावन,मधुर हो मुख मनभावन,सहज चितवन पर तरंगितहो तुम्हारी किरण तरुणादेख वैभव न हो नत सिर,
दलित जन पर करो करुणा।दीनता पर उतर आयेप्रभु, तुम्हारी शक्ति वरुणा।हरे तन मन प्रीति पावन,मधुर हो मुख मनभावन,सहज चितवन पर तरंगितहो तुम्हारी किरण तरुणादेख वैभव न हो नत सिर,समुद्धत मन सदा हो स्थिर,
दलित जन पर करो करुणा।दीनता पर उतर आयेप्रभु, तुम्हारी शक्ति वरुणा।हरे तन मन प्रीति पावन,मधुर हो मुख मनभावन,सहज चितवन पर तरंगितहो तुम्हारी किरण तरुणादेख वैभव न हो नत सिर,समुद्धत मन सदा हो स्थिर,पार कर जीवन निरंतर
रहे बहती भक्ति वरूणा।