दनिया काँच के महल जैसी है। अपने स्वभाव की छाया ही उस पर पड़ती है। आप भले तो जग भला,
'आप बुरे तो जग बुरा। अगर आप प्रसन्नचित्त रहते हैं, दूसरों के दोषों को न देखकर उनके गुणों की ओर ध्यान देते
हैं तो दनिया भी आपसे नम्रता और प्रेम का बरताव करेगी। अगर आप हमेशा लोगों के ऐबों की ओर देखते हैं
अपना शत्रु समझते हैं और उनकी ओर भौंका करते हैं तो फिर वे क्यों न आपकी ओर गुस्से से दौड़ेंगे ? अंग्रेज़ी में
एक कहावत है कि अगर आप हँसेंगे तो दुनिया भी आपका साथ देगी, पर अगर आपको गुस्सा होना और रोना ही
है तो दुनिया से दूर किसी जंगल में चले जाना ही हितकर होगा।
अमेरिका के मशहर नेता अब्राहम लिंकन से किसी ने एक बार पूछा, “आपकी सफलता का सबसे बड़ा
रहस्य क्या है ?'' उन्होंने ज़रा देर सोचकर उत्तर दिया, मैं दसरों की अनावश्यक नुक्ताचीनी कर उनका दिल नहीं
दखाता। दुनिया में पूर्ण कौन है ? हरेक में कुछ त्रुतियाँ रहती हैं। प्रत्येक व्यक्ति से कुछ गलतियाँ होती हैं। फिर एक
दसरे को सुधारने की कोशिश करना अनुचित ही समझना चाहिए। जैसा ईसा ने कहा था, "लोग दूसरों की आँखों
का तिनका तो देखते हैं पर अपनी आँख के शहतीर को नहीं देखते। दूसरों को सीख देना तो बहुत आसान काम
है, अपने ही आदर्शों पर स्वयं अमल करना कठिन है। अगर हम अपने को ही सुधारने का प्रयत्न
अवगणों पर टीका-टिप्पणी करना बंद कर दें तो हमारे मित्र जैसा हाल हमारा कभी नहीहोगा।
eska shirshak kya hoga
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svabhav ki Chaya ......
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Duniya ka charitric varnan
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