दरोगा बंशीधर गैरकानूनी कार्यो की वजह से पंडित अलोपीदीन को गिरफ्तार करता है लेकिन कहानी के अंत में इसी पंडित अलाउद्दीन की सहायता पर मुकंद होकर उसके यहां मैनेजर की नौकरी के लिए तैयार हो जाता है आपके विचार बंशीधर का ऐसा करना उचित था आप उसकी जगह होते तो क्या करते
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yes. uska esa karna sahi tha aur agar ham uski jagha hote to us pandit aur alaudiin(अलाउद्दीन) ko griftar(गिरफ्तार) kar ke uchit (उचित) saja Delawate
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दारू का के वस्त्र गजानंद कानून एक कार्यों के वस्त्र के पन्ने आयोजित को
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