(दर्द के मारे एक तो मरीज को वैसे ही यह नहीं आती
(ii) कुछ लोग सिर्फ यह निभाने आते हैं
(ii) इन लोगों को मरीज से यह नहीं होती
(iv) कब मेरी टाँग टूटे, कब वे अपना यह चुकाएँ
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प्रश्न में दिए गए उत्तर इस प्रकार है :
(i) दर्द के मारे एक तो मरीज को वैसे ही यह नहीं आती - नींद
(ii) कुछ लोग सिर्फ यह निभाने आते है – औपचारिकता
(iii) इन लोगों को मरीज से यह नहीं होती – हमदर्दी
(iv) कब मेरी टाँग टूटे, कब वे अपना यह चुकाएँ – एहसान
व्याख्या :
यह प्रश्न वाह रे! हमदर्द पाठ से लिया गया है | आज के समय में कोई किसी का हमदर्द नहीं बन पाता है | कुछ लोग दिखावे के लिए जाते है , कुछ लोग हमदर्दी के लिए जाते है | कुछ लोग दिखावा करके वापिस आ जाते है | हमें सबके प्रति हम दर्दी रखनी चाहिए |
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ya I hope this help to all
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