Hindi, asked by DashingBoy40, 7 months ago

दशाहरा पर 15 वाक्य में निबंध लिखे​

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Answered by MissAngela
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Explanation:

दशहरा (विजयादशमी या आयुध-पूजा) एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार है जो पूरे भारत के लोगों के द्वारा हर साल बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। ये पर्व अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। ये एक धार्मिक और पारंपरिक उत्सव है जिसे हर बच्चों को जानना चाहिये। ऐतिहासिक मान्यताओं और प्रसिद्ध हिन्दू धर्मग्रंथ रामायण के अनुसार ऐसा उल्लिखित है कि भगवान राम ने रावण को मारने के लिये देवी चंडी की पूजा की थी। लंका के दस सिर वाले राक्षस राजा रावण ने अपनी बहन शूर्पणखा की बेइज्जती का बदला लेने के लिये राम की पत्नी माता सीता का हरण कर लिया था। तब से जिस दिन से भगवान राम ने रावण को मारा उसी दिन से दशहरा का उत्सव मनाया जा रहा है। दशहरा हिन्दुओं का बहुत महत्वपूर्ण और मायने रखने वाला त्यौहार है। इस पर्व का महत्व पारंपरिक और धार्मिक रुप से बहुत ज्यादा है। भारतीय लोग इसे बहुत उत्साह और भरोसे से मनाते है।

ये पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत को भी प्रदर्शित करता है अर्थात् पाप पर पुण्य की जीत। लोग इसे कई सारे रीति-रिवाज और पूजा-पाठ के द्वारा मनाते है। धार्मिक लोग और भक्तगढ़ पूरे दिन व्रत रखते है। कुछ लोग इसमें पहले और आखिरी दिन व्रत रखते है तो कुछ देवी दुर्गा का आशीर्वाद और शक्ति पाने के लिये इसमें पूरे नौ दिन तक व्रत रखते है। दसवें दिन लोग असुर राजा रावण पर राम की जीत के उपलक्ष्य में दशहरा मनाते है। दशहरा का पर्व हर साल सितंबर और अक्तूबर के अंत में दीवाली के दो सप्ताह पहले आता है।

Answered by ansh49581
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दशहरा निबंध- दशहरा या विजयदशमी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार भारतीय संस्कृति के वीरता का पूजक, शौर्य का उपासक है। आश्विन शुक्ल दशमी को मनाया जाने वाला दशहरा यानी आयुध-पूजा हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। व्यक्ति और समाज के रक्त में वीरता प्रकट हो इसलिए दशहरे का उत्सव रखा गया है। 

 

असत्य पर सत्य की विजय - भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसीलिए इस दशमी को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है। दशहरा वर्ष की तीन अत्यंत शुभ तिथियों में से एक है, अन्य दो हैं चैत्र शुक्ल की एवं कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा। इसी दिन लोग नया कार्य प्रारंभ करते हैं, इस दिन शस्त्र-पूजा, वाहन पूजा की जाती है।

 

प्राचीन काल में राजा लोग इस दिन विजय की प्रार्थना कर रण यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे। दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापों- काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी जैसे अवगुणों को छोड़ने की प्रेरणा हमें देता है। 

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