दशहरा और दीपावली पर 150 शब्द निबंध लिखिए
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दशहरा निबंध-
दशहरा या विजयदशमी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार भारतीय संस्कृति के वीरता का पूजक, शौर्य का उपासक है। आश्विन शुक्ल दशमी को मनाया जाने वाला दशहरा यानी आयुध-पूजा हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। व्यक्ति और समाज के रक्त में वीरता प्रकट हो इसलिए दशहरे का उत्सव रखा गया है।
असत्य पर सत्य की विजय - भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसीलिए इस दशमी को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है। दशहरा वर्ष की तीन अत्यंत शुभ तिथियों में से एक है, अन्य दो हैं चैत्र शुक्ल की एवं कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा। इसी दिन लोग नया कार्य प्रारंभ करते हैं, इस दिन शस्त्र-पूजा, वाहन पूजा की जाती है।
प्राचीन काल में राजा लोग इस दिन विजय की प्रार्थना कर रण यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे। दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापों- काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी जैसे अवगुणों को छोड़ने की प्रेरणा हमें देता है।
दीपावली पर निबंध
दीपावली का त्योहार पांच दिनों तक चलने वाला सबसे बड़ा पर्व होता है। दशहरे के बाद से ही घरों में दीपावली की तैयारियां शुरू हो जाती है, जो व्यापक स्तर पर की जाती है। इस दिन भगवान श्रीराम, माता सीता और भ्राता लक्ष्मण के साथ चौदह वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या लौटे थे। इसके अलावा दीपावली को लेकर कुछ और भी पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। पढ़िए निबंध -
प्रस्तावना - प्रत्येक समाज त्योहारों के माध्यम से अपनी खुशी एक साथ प्रकट करता है। हिन्दुओं के प्रमुख त्योहार होली, रक्षाबंधन, दशहरा और दीपावली हैं। इनमें से दीपावली सबसे प्रमुख त्योहार है। इस त्योहार का ध्यान आते ही मन-मयूर नाच उठता है। यह त्योहार दीपों का पर्व होने से हम सभी का मन आलोकित करता है।
दीपावली मनाई जाती है - यह त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। अमावस्या की अंधेरी रात जगमग असंख्य दीपों से जगमगाने लगती है। कहते हैं भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, इस खुशी में अयोध्यावासियों ने दीये जलाकर उनका स्वागत किया था।
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दशहरा (विजयादशमी) एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार है जो पूरे भारत के लोगों के द्वारा हर साल बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। ये पर्व अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। ये एक धार्मिक और पारंपरिक उत्सव है|इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था। इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है। यह हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष के दंसवे दिन मनाया जाता है। इससे दस दिन पहले ही सब जगह रामलीला शुरू हो जाती है। इस दिन रावण, मेघनाथ और कुम्भकरण के पुतले जलाए जाते हैं और मेले लगाए जाते हैं। यह त्योहार सर्दियों के आगमन का भी प्रतीक| दशहरा के दिन नवरात्रि का दँसवा दिन भी होता है और इसी दिन दुर्गा माँ ने महिषासुर का भी वध किया होता है और इस दिन माँ की मुर्ति को विसर्जित किया जाता है। यह त्योहार हमें अच्छाई के मार्ग पर चलने का संदेश देता है।