Hindi, asked by kumarronit9088, 2 months ago

दशहरा-दीपावली आदि त्योहारों में रावण दहन, आतिशबाजी आदि पर करोड़ो रुपये को मिनटों में फूंक दिए जाते है | इस फिजुलखर्ची की चर्चा करते हुए अपने विचार किसी प्रतिष्ठित समाचार-पत्र  संपादक को पत्र लिखिए |​

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Answered by bhatiamona
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दशहरा-दीपावली आदि त्योहारों में रावण दहन, आतिशबाजी आदि पर करोड़ो रुपये को मिनटों में फूंक दिए जाते है | इस फिजुलखर्ची की चर्चा करते हुए अपने विचार किसी प्रतिष्ठित समाचार-पत्र  संपादक को पत्र लिखिए |​

सेवा में,

श्रीमान संपादक महोदय,

दैनिक जागरण शिमला |  

विषय: दशहरा-दीपावली आदि त्योहारों में रावण दहन, आतिशबाजी आदि पर करोड़ो रुपये को मिनटों में फूंक दिए जाते है | इस फिजुलखर्ची की चर्चा करते हुए अपने विचार किसी प्रतिष्ठित समाचार-पत्र  संपादक को पत्र

महोदय,

           मेरा नाम सुमित शर्मा है , मैं शिमला जिले का रहने वाला हूँ | मैं अपने लोकप्रिय समाचार पत्र में दशहरा-दीपावली आदि त्योहारों में रावण दहन, आतिशबाजी आदि पर करोड़ो रुपये को मिनटों में फूंक दिए जाते है | इस फिजुलखर्ची की चर्चा करते हुए अपने विचार साँझा करना चाहता हूँ| आशा है कि आप मेरे पत्र को अपने लोकप्रिय समाचार पत्र में प्रकाशित करेंगे।

              सरकार के साथ हम सभी को समझना होगा कि शहरा-दीपावली आदि त्योहारों में रावण दहन, आतिशबाजी आदि पर करोड़ो रुपये को मिनटों में फूंक दिए जाते है | हमें यह फिजुलखर्ची खर्चें नहीं करना चाहिए| हमें  इन पैसों को समाज कल्याण के उपयोग करना चाहिए| दशहरा-दीपावली आदि त्योहारों में रावण दहन, आतिशबाजी के कारण प्रदूषण बहुत बढ़ता है| प्रदूषण के कारण हमारे पर्यावरण को हानी पहुंचती है| हमें सब बातों समझना चाहिए| इन खर्चों को कम करना चाहिए| आशा करता हूँ| आप सब नागरिकों की  नई सोच और सकारात्मक सोच के साथ देश की प्रगति में अपना योगदान कर सकते है |    

धन्यवाद!  

भवदीय,

सुमित शर्मा  |                                                                                                                                  

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