Math, asked by blackspearrow2250, 1 year ago

दशहरा-विजयदशमी पर निबंध

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Answered by shrawanshahu
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दशहरा हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है इसे अश्विनी शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है जिसे दशहरा या विजयदशमी के नाम से जानते है। इस त्योहार को सभी हिंदू बड़ी श्रद्धा के साथ मनाते हैं। दशहरा आश्विन माह की दसवीं तिथि को मनाया जाता है। इस माह में ठण्ड का हल्का-सा आगमन हो जाता है। यह महीना बड़ा ही खुशगवार होता है। इस महीने में न तो अधिक गर्मी होती है और न ही अधिक सर्दी होती है।दशहरे का संबंध शक्ति से भी है जिस प्रकार ज्ञान के लिए सरस्वती की उपासना की जाती है उसी प्रकार शक्ति के लिए मां दुर्गा की उपासना की जाती है कहा जाता है कि आज ही के दिन श्री राम ने रावण राक्षस का वध किया था और माँ दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का वध किया था और माँ दुर्गा ने माँ महिषासुर मर्दानी का रूप धारण करके चंड-मुंड का राक्षसो का वध किया था और श्रीराम जी ने मां दुर्गा की पूजा करके रावण का वध किया था। इसलिए बंगाल अन्य क्षेत्रों में दशहरा को दुर्गा पूजा के नाम से भी जाना जाता है।

Answered by mohinderlal407
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★ भूमिका :- भारत त्योहारों का देश है। जहां पर समय समय पर सभी त्योहारों को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। त्योहार हमें अपनी संस्कृत से जोड़ी रखते हैं। भारत के विभिन्न त्योहारों में विजयदशमी का अपना विशेष महत्व है। यह त्योहार मर्यादा पुरुषोत्तम राम की स्मृति से संबंधित है।

★ मनाने का समय:-‌ दशहरे का त्यौहार‌ आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को धूमधाम से मनाया जाता है। इस तीन जगह जगह पर मैदानों में भगवान राम के जीवन से संबंधित घटनाओं को प्रस्तुत किया जाता है।

★ मनाने का कारण:- विजयदशमी के संबंध में श्री रामचंद्र जी के जीवन की एक कथा जुड़ी हुई है। इस दिन श्री राम ने लंका के अत्याचारी राजा रावण का वध करके लंका पर विजय प्राप्त की थी। इसलिए इस त्यौहार को विजयदशमी कहते हैं। बंगाल में यह त्योहार दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन दुर्गा मां ने महिषासुर का मर्दन किया था। इस कारण बंगाली लोग मां दुर्गा की प्रतिमा बनाकर पूजा अर्चना करते हैं और दशमी के दिन प्रतिमा को जल में विसर्जन कर देते हैं।

★ मनाने का ढंग:- विजयदशमी के दिन स्थान स्थान पर रामायण से संबंधित पात्रों की झांकियां प्रस्तुत करते हैं। विशाल मैदान में राम रावण का नकली युद्ध प्रस्तुत करते हैं। रावण कुंभकरण मेघनाद के विशाल पुतले बनाते हैं। श्री राम युद्ध के बाद अग्निबाण के द्वारा इनपुट लो में अग्नि लगाते हैं। पुतलो में आतिशबाजी बरी होती है। इसे देखने के लिए अपार जन समूह एकत्रित होता है। लोग इसे देखकर बहुत आनंदित होते हैं।

★ महत्व:- दशहरे का त्यौहार धर्म की धर्म पर तथा सत्य की असत्य पर विजय का प्रतीक है। यह त्यौहार हमें प्रेरणा देता है कि हमें हमेशा अच्छाई के मार्ग पर चलना चाहिए और सत्यता‌ का आचरण करना चाहिए। श्री राम के‌आदर्शों को जीवन में अपनाने का प्रयत्न करना चाहिए।

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