दत्तपदान् पठित्वा समुचित धातुरूपान् विकल्पेभ्यः चित्वा लिखत।
बालकः आपणं -------------------
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उपसर्गाः
अधोदत्तानि पदानि अवलोकयत-(निम्नलिखित पदों को देखिए-)
NCERT Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 9 उपसर्गाः प्रत्ययाः च
खण्ड (क) तथा (ख) में आए पदों का विश्लेषण करने पर स्पष्ट है कि उपसर्ग पद (संज्ञापद अथवा क्रियापद) के आदि और प्रत्यय पद के अन्त में लगते हैं। स्वतन्त्र रूप से इनका कोई प्रयोग नहीं होता
और न ही कोई अर्थ। ये पद के साथ जुड़कर बहुधा अर्थ में परिवर्तन ला देते हैं।
प्रायः प्रयोग में आने वाले कुछ उपसर्ग
प्र, परा, परि, प्रति, उप, अप, अव, नि:, दुः, सु, वि, ओ, अनु, सम् आदि।
प्रत्ययाः
अधोदत्तानि वाक्यानि अवलोकयत(नीचे दिए गए वाक्यों को देखिए-)
1. सः प्रातः पठितुम् विद्यालयम् गच्छति। पठ् + तुमुन्-पठितुम् (पढ़ने के लिए- to study)
2. अहं प्रश्नं पठित्वा उत्तरं लिखामि। पठ् + क्त्वा-पठित्वा (पढ़कर—having read)
3. सः पाठम् पठितवान्। पठ् + क्तवतु-पठितवान् (पढ़ा-read)
4. तेन पाठः पठितः । पठ् + क्त-पठितः (पढ़ा गया-has been read)
5. तेन पाठः पठितव्यः। पठ्+तव्यत्-पठितव्यः (पढ़ा जाना चाहिए-shouldberead)
संस्कृत भाषा में धातु में प्रत्यय जोड़कर अनेक शब्द बनाए जा सकते हैं। उपरिलिखित वाक्यों में स्थूलाक्षरों में आए शब्द पठ् धातु से बने हैं। इस प्रकार अन्य धातुओं से भी शब्दों का निर्माण होता है; किन्तु इस कक्षा में हम क्त्वा, तुमुन् तथा ल्यप् प्रत्यय पर ही ध्यान केन्द्रित करेंगे