Hindi, asked by santoshchouhan98, 3 months ago

दयालु दीनबंधु के बड़े विशाल हाथ हैं' का भाव स्पष्ट कीजिए
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Answered by wamabharamri
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Answer:

मनुष्यता सनाथ जान आपको करो न गर्व चित्त में। दयालु दीनबंधु के बड़े विशाल हाथ हैं। कवि कहता है कि कभी भूलकर भी अपने थोड़े से धन के अहंकार में अंधे होकर स्वयं को सनाथ अर्थात् सक्षम मानकर गर्व मत करो क्योंकि अनाथ तो कोई नहीं है।

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