दयानंद सरस्वती ने शिक्षा पर विशेष जोर kayon दिया
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संवाद सूत्र, फगवाड़ा : आर्य समाज गोशाला रोड के तत्वाधान में आर्य मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के सभागार में महा शिवरात्रि के उपलक्ष्य में महर्षि दयानंद सरस्वती का जन्म दिवस मनाया गया। इस अवसर पर हवन यज्ञ के उपरांत केंद्र सरकार द्वारा साहित्य एवं सांस्कृतिक के क्षेत्र में अपने अमूल्य योगदान के लिए सम्मानित की जा चुकी आर्य समाज की विदुषी प्रो. सरला भारद्वाज ने कहा कि महर्षि दयानंद समाज सुधारक, योगी और समाज एवं राष्ट्र को दिशा देने वाले महापुरूष थे। उन्होंने वेदों के आधार पर घोषणा की कि जन्म से सब शुद्ध होते है। संस्कारों से ही व्यक्ति श्रेष्ठ होते है। सबको शिक्षा प्राप्त करने एवं वेदों के पठन-पाठन का अधिकार है। उन्होंने नारी शिक्षा पर विशेष जोर दिया। उन्होंने लोगों को बताया कि ज्ञान योग द्वारा मानव जीवन में ही अपने शिव स्वरूप से एकाकार हो सकते है। महामंत्री डॉ. यश चोपड़ा ने कहा कि समाज महर्षि दयानंद सरस्वती के ऋण से मुक्त नहीं हो सकता। समाज में प्रत्येक स्तर पर हम जो परिवर्तन देख रहे है उसमें महर्षि दयानंद का विशेष योगदान है। इस मौके पर भाजपा के प्रदेश उपप्रधान राजेश बाघा को सत्यार्थ प्रकाश की प्रति भेंट करके सम्मानित किया गया। इस अवंसर पर कैलाश नाथ भारद्वाज, सुरिदर चोपड़ा (स्कूल प्रबंधक) प्रिंसिपल नीलम पसरीचा, केएल सोबती, धर्मवती नारंग, रमेश सचदेवा, शिव हांडा, सतीश बग्गा, योगेश प्रभाकर, सरला चोपड़ा, नीलम चोपड़ा, रेनू चोपड़ा, शीतल कोहली, बलराज खोसला, सुशील कोहली, सुदेश ओहरी, रमन नारंग, कुसुम, वरूण चोपड़ा, रोहित प्रभाकर, आशु पुरी, बलदेव शर्मा, संजय ग्रोवर, डा. वीएम भाटीया, डा. शैली छाबड़ा, एवं स्कूल का समूह स्टाफ उपस्थित थे।
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समाज सुधार के कार्य
वे दलितोद्धार के पक्षधर थे। उन्होंने स्त्रियों की शिक्षा के लिए प्रबल आन्दोलन चलाया। उन्होंने बाल विवाह तथा सती प्रथा का निषेध किया तथा विधवा विवाह का समर्थन किया। उन्होंने ईश्वर को सृष्टि का निमित्त कारण तथा प्रकृति को अनादि तथा शाश्वत माना।
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