Geography, asked by rahmanriyadh4137, 1 year ago

दया सभी धर्मों का मूल है । सभी धर्मों में दया की भावना पर बल दिया गया है।आपका दृष्टि में दया का क्या स्वरूप है ? किसी एक ऐसे व्यक्ति के विषय में ।अपने विचारों को लगभग 80-100 शब्दों में) कलमबद्ध कीजिए जिसके दयालु।मात्र में आपको प्रभावित किया हो ।​

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Answered by bhatiamona
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Answer:

                                       दया ही धर्म है |

दया ही अपने आप में सबसे बड़ा धर्म है | हर मनुष्य में दया भावना होनी चाहिए | हमारे आचरण में दया होनी चाहिए , सबसे प्यार से हंस कर बात करनी चाहिए | दया एक ऐसी शक्ति है जो मनुष्य को एक साथ रहने की प्रेरणा देती है | दया का मतलब यहाँ यह नहीं हम किसी को दिखावा कर रहे है या किसी को अहसास दिलाना नहीं होता , किसी को दुःख देना नहीं होता | दया का असल मतलब है किसी की दिल से मदद करना जिसको मदद की जरूरत है | किसी से गलती  हो जाए तो उसे गलती का एहसास दिला कर उसे माफ कर देना और आगे बढ़ने की   प्रेरणा देना |

दयालु हृदय में परमात्मा का रूप होता है।   जहाँ दया नहीं वहाँ सत्य नहीं होता |

दया अपने आप में प्रसन्नता, प्रफुल्लता का मधुर झरना है। जिस हृदय में दया निरन्तर निर्झर होती रहती है वहीं स्वयंसेवी आह्लाद, आनन्द के मधुर स्वर निनादित होते रहते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि दयालु व्यक्ति सब को  ख़ुशी देख कर बहुत खुश हो जाता है | दया से दूसरों का विश्वास जीता जाता है।  

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