Hindi, asked by prashu987, 1 year ago

The conservation between lord arjun and lord Krishna in kurukshetra(In Hindi only) ITS URGENT!!!!!

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Answered by kritiku2005
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Conversation between Krishna and Arjuna in the Gita : जीव किसी भी भाव से उनकी शरण ले ले वे उसका कल्याण कर देते हैं।जीव तभी तक अपवित्र है जब तक वह ठाकुर जी से सम्बन्ध नहीं रखता है।भगवद बिमुख जबतक हम हैं तबतक वासना, लोभ, क्रोध, पाप कर्म के विचार हमारा पीछा नहीं छोड़ते हैं।

गीता में भगवान् अर्जुन को यही कहते हैं कि:- “मेरी कृपा के बिना, मेरा आश्रय लिए बिना, भजन किये बिना मेरी बनाई हुई माया से कोई मुक्त नहीं हो सकता है”।भगवान श्री कृष्ण में कैसे भी हमारा चित्त लग जाए, एक बार उनसे सम्बन्ध बन जाये तो फिर कल्याण होने में देर नहीं लगती।

ठाकुर जी से कुछ ना कुछ रिशता तो जरूर बनाओ, अगर अर्जुन की तरह मित्र नहीं बना सकते हो तो दुर्योधन की तरह शत्रु भी बना लोगे तो भी कल्याण निश्चित है।हरी से नैना मिलाकर तो देखो, ये धोखा भी खाकर तो देखो।सबसे कृपालु हैं मेरे श्यामसुंदर, तुम ज़रा इनको अपना बनाकर तो देखो॥

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