The government is taking all necessary measures to help people in today’s tough situation to fight against COVID-19 and the biggest measure taken against this is lockdown which is becoming difficult for people of all ages. You are Varsha /Vikas, of 216, Sector – 43, Chandigarh write a letter to an editor of national daily suggesting the best ways to all to pass their time in best
possible way, you can also suggest a sample daily routine which can help to spend day in a productive way.
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अपने पाठों का नियोजन और उनकी तैयारी क्यों महत्वपूर्ण है
अच्छे शिक्षण की योजना बनानी होती है। नियोजन आपके अध्यायों को स्पष्ट और समयबद्ध बनाने में मदद करता है, जिसका अर्थ यह है कि आपके छात्र सक्रिय रहते हैं और रूचि लेते हैं। योजना को प्रभावी बनाने की प्रक्रिया को लचीला रखना होता है ताकि अध्यापक पढ़ाते समय अपने छात्रों की प्रतिक्रियाओं के आधार पर शिक्षण–प्रक्रिया में बदलाव कर सकें। कई अध्यायों की योजना पर काम करने के लिए छात्रों और उनके पूर्व–ज्ञान को जानना, पाठ्यक्रम में आगे बढ़ने का अर्थ को जानना और छात्रों को सीखने में मदद करने के लिए सर्वोत्तम संसाधनों और गतिविधियों की खोज करना महत्त्वपूर्ण होता है।
नियोजन एक सतत प्रक्रिया है जो आपको अलग–अलग अध्यायों और साथ ही क्रमबद्ध रूप से कई अध्यायों, दोनों की तैयारी करने में मदद करती है। अध्याय के नियोजन के चरण निम्नवत हैं:
अपने छात्रों की प्रगति के लिए आवश्यक बातों के बारे में स्पष्ट रहना।
तय करना कि आप कौन से ऐसे तरीके से पढ़ाने जा रहे हैं जिसे छात्र समझेंगे और आप जो देखेंगे, उसपर आप किस प्रकार प्रतिक्रिया देंगे।
पुनरावलोकन करना और देखना कि अध्याय कितनी अच्छी तरह से चला और आपके छात्रों ने क्या सीखा ताकि भविष्य के लिए योजना बना सकें।
अध्यायों का नियोजन करना
जब आप किसी पाठ्यक्रम का अनुसरण करते हैं, तो नियोजन के पहले भाग में यह निश्चित करना होता है कि पाठ्यक्रम के विषयों और प्रसंगों को आप कितनी कुशलता से खंडों या टुकड़ों में विभाजित कर सकते हैं। आपको छात्रों की प्रगति, कौशल और ज्ञान का क्रमिक रूप से विकास करने के लिए उपलब्ध समय और तरीकों पर विचार करना होगा। आपके अनुभव या सहकर्मियों के साथ चर्चा से आपको पता चल सकता है कि किसी एक विषय के लिए तो चार पाठ लगेंगे, लेकिन किसी अन्य विषय के लिए केवल दो। भविष्य में अन्य विषय पढ़ाने के लिए या किसी विषय को विस्तार देते समय आप उस सीख को विभिन्न तरीकों से पाठों की योजना बनाते समय इस्तेमाल कर सकते हैं।
जब आप पाठ–योजना बना रहे हैं तो आपको निम्न विषयों में स्पष्ट रहना होगाः
विद्यार्थियों को आप क्या सिखाना चाहते हैं
आप उस विषयवस्तु का परिचय कैसे देंगे
विद्यार्थियों को क्या करना होगा और क्यों
आप अधिगम प्रक्रिया को सक्रिय और रोचक बनाना चाहेंगे ताकि विद्यार्थी सहज और जिज्ञासु हों। इस बात पर विचार करें कि पाठों में विद्यार्थियों से क्या करने को कहा जाएगा ताकि आप न केवल विविधता और रुचि बल्कि लचीलापन भी बनाए रखें। विभिन्न पाठों से गुजरते हुए विद्यार्थियों की प्रगति का आकलन करने की आप योजना बनाएं। यदि कुछ विषयवस्तु में अधिक समय लगता है या वे जल्दी समझ में आ जाते हैं तो अपनी योजना को आवश्यकतानुसार बदलने के लिए तैयार रहें।