the industrial revolution?
- पश्चिमी ताकतों के द्वारा पेश की गई चुनौतियों का सामना चिंग राजवंशों ने कैसे किया?
How did the Qing Dynasty try and meet the challenges posed by the
Western powers?
अथवा/OR
मेइजी शासन के अन्तर्गत जापान के शासन तंत्र के सुधारों पर टिप्पणी लिखिए।
Comment on the reforms in Japan's administration system under the
Meiji government.
. [M-2907-B]
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Answers
Answer:
पाश्चात्य ताकतों द्वारा पेश की गई चुनौतियों से दो-चार होने के लिए छींग राजवंश ने निम्नलिखित उपायों का सहारा लिया
चीन को उपनिवेशीकरण से बचाने के लिए चीन की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना नितांत आवश्यक था। अतः उसने आधुनिक प्रशासन, नयी सेना और शिक्षा के लिए नयी नीतियों का निर्माण किया।
संवैधानिक सरकार की स्थापना हेतु स्थानीय विधायिकाओं के गठन की तरफ ध्यान आकृष्ट किया गया। प्रशासकों का विचार था कि एक संवैधानिक रूप से चुनी हुई सरकार की पश्चिमी ताकतों द्वारा प्रस्तुत की गई चुनौतियों से भली-प्रकार से निपट सकती है।
जनसामान्य द्वारा राष्ट्रीय जागरूकता उत्पन्न करने के प्रयास किए गए। लियांग किचाऊ जैसे सुप्रसिद्ध चीनी विचारकों का विचार था कि चीनियों में राष्ट्रीयता की भावना उत्पन्न करके ही चीन पश्चिम का सफलतापूर्वक विरोध कर सकता था। उनके मतानुसार अंग्रेज़ व्यापारियों के हाथों भारतीयों की हार का मुख्य कारण भारतीयों में एकता और राष्ट्रीयता की भावना का अभाव था। अतः चीनी विचारकों ने जनसामान्य को उपनिवेश बनाए गए देशों के नकारात्मक उदाहरणों से परिचित कराने का अहम कार्य किया। 18वीं शताब्दी में पोलैंड का विभाजन एक दृष्टांत बन गया। सर्वविदित है कि 1890 के दशक में चीन में ‘पोलैंड’ शब्द का प्रयोग एक क्रिया स्वरूप-टू पोलैंड रूस’ (बोलान वू) अर्थात् ‘हमें विभाजित करने’–किया जाने लगा।
जनसाधारण की परंपरागत सोच को बदलने की कोशिश की गई क्योंकि बुद्धिजीवी वर्ग का मानना था कि | परंपरागत सोच को बदलकर ही चीन का विकास संभव है। उल्लेखनीय है कि उस समय चीन की प्रमुख विचारधारा कन्फ्यूशियसवाद से ओतप्रोत थी।
1890 के दशक में जिन विद्यार्थियों को जापान में अध्ययन हेतु भेजा गया था उन्होंने जापान के नए विचारों से रभावित होकर चीन में गणतंत्र स्थापित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।।
सरकारी पदों की नियुक्ति में योग्यता को आधार बनाया गया। 1905 ई० में रूसजापान युद्ध के बाद दीर्घकाल से प्रचलित चीनी परीक्षा प्रणाली को समाप्त कर दिया गया। परंपरागत परीक्षा प्रणाली में साहित्य पर बल दिया जाता था। फलतः यह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के लिए बाधक थी।
सैन्य-शक्ति को मजबूत बनाने के लिए अनेक महत्त्वपूर्ण सुधार किए गए। सेना को अत्याधुनिक अस्त्र-शस्त्र से सुसज्जित किया गया।
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