- the nouns in the given
ords) -
को कौड़ियों से बन रहा धनवान है।
जो निर्बलों को कुचल कर कहला रहा बलवान है।
जो ववना कर, होके रच अपना दिखाता ज्ञान है।
जो दीन दुर्बल आश्रितों से झगड़ता निज शान है।
जिसको न निज गौरव तथा निज देश का अभिमान है।
वर नर नहीं, नर पशु निरा है और मृतक समान है।
जिसको न अपनी जाति के उत्थान का अरमान है।
जिसको न अपनी शुचि भूमि का अभिमान है।
जिसको न अपनी मातृभाषा का हृदय से मान है।
जसको न अपनी दीनता पर खेद, शोक महान है।
जसको न निज गौरव तथा निज देश का अभिमान है।
वर नर नहीं, नर-पशु निरा है और मृतक समान है।
जिसको न अपने बंधुओं के दु:ख-सुख का ध्यान हो।
जिसको न अपने पूर्वजों की कीर्ति का कुछ ज्ञान हो।
जिसको न खलता है कभी संसार में अपमान है।
जिसको न निज गौरव तथा निज देश का अभिमान है।
वर नर नहीं नर-पश निरा है और मतक समान है।
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Step-by-step explanation:
जो निर्धनों की कौड़ियों से बन रहा धनवान है
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