English, asked by Arvhana9064, 1 year ago

The story of my life novel
class 10 explaination in hindi

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Answered by alonegirl560
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हेलेन को अपनी जिंदगी की कहानी लिखने में हिचकिचाहट है। उसे लगता है कि आत्मकथा लिखना एक कठिन काम है। उसके विचार में अपनी बचपन की हू-ब-हू तस्वीर पेश करना आसान काम नहीं है चूँकि वह कई वर्ष बीत जाने के बाद वास्तविकता और कल्पना में अंतर नहीं कर पाती है। वह अपने बचपन के कई महत्वपूर्ण हिस्से को नयी चीज़ें याद करने में भूल गई हैं।


हेलेन केलेर का जन्म 27 जून 1880 को उत्तरी अल्बामा के टस्कम्बिया नामक एक छोटे से कस्बे में हुआ था। वह आर्थर एच. केलेर, जो कि मित्रराष्ट्र सेना में कप्तान थे और केट एडम्स की पहली संतान थी। उसके पिता के पूर्वज स्विट्ज़रलैंड से आये थे तथा मेरीलैंड में आकर बस गए थे।


उसकी बचपन की शुरआत ठीक उसी तरह हुई जैसा किसी अन्य बच्चे का होता है। बच्चे के नाम के बारे में निर्णय लिया गया कि उसका नाम नानीमाँ के नाम पर हेलेन एवर्ट रख जाएगा लेकिन बपतिस्मा (नामकरण संस्कार) के लिए चर्च ले जाते समय उसके पिता नाम भूल गए। जब उनसे नाम पूछा गया तो उन्होंने उसका नाम हेलेन एडम्स बताया।


एक साल की उम्र में ही हेलेन ने चलना शुरू कर दिया। दिन अच्छे गुजर रहे थे पर जब हेलेन उन्नीस महीने की थी तब वह बीमार पड़ गईं। डॉक्टर ने बिमारी को पेट व दिमाग की बहुत अधिक जकड़न के रूप में बताया। इस बिमारी ने उससे आँख की दृष्टि तथा सुनने की क्षमता छीन ली। धीरे-धीरे इस अन्धकार की उसको आदत सी पड़ने लगी तभी उसके जिंदगी में एक शिक्षिका का प्रवेश हुआ। हेलेन को अपनी जिंदगी की कहानी लिखने में हिचकिचाहट है। उसे लगता है कि आत्मकथा लिखना एक कठिन काम है। उसके विचार में अपनी बचपन की हू-ब-हू तस्वीर पेश करना आसान काम नहीं है चूँकि वह कई वर्ष बीत जाने के बाद वास्तविकता और कल्पना में अंतर नहीं कर पाती है। वह अपने बचपन के कई महत्वपूर्ण हिस्से को नयी चीज़ें याद करने में भूल गई हैं।

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