the summary of anuthap in english
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लेखक 'अनुताप अथवा 'पश्चाताप की वैयकितक एवं सामाजिक उपयोगिता एवं महत्ता पर प्रकाश डालता है।
अनुताप व्यकित के चरित्रा को पवित्रा कर देता है और उसे जीवन में श्रेष्ठ उद्वेश्य लेकर आगे बढ़ने की शकित देता है।अनुताप व्यकित की समस्त कमियों- उसकी पशुता, कायरता, संयमहीनता, दुष्प्रवत्ति आदि को दूर करने में सहायक है। यही उसकी महत्ता है।
is this enough. .....
यदि अहंकार, आत्माभिमान या लोक-लज्जा के कारण व्यकित अपनी भूल नहीं स्वीकारता तो इससे उसकी अधोगति होती है। अपनी त्राुटियों, भूलों, अपराधों आदि को छिपाये रखना सामाजिक रूप से भी हानिकारक है।
लेखक चाहता है कि हमारे देशवासियों में अपना दोष स्वीकारने और उस पर अनुताप करने की शकित होनी चाहिए। यदि ऐसा हो सके तो वर्तमान भ्रष्ट राजनीतिक पुरूष भी अपना चरित्रा सुधार लेंगे और हमारे देश का कल्याण होगा।
अनुताप व्यकित के चरित्रा को पवित्रा कर देता है और उसे जीवन में श्रेष्ठ उद्वेश्य लेकर आगे बढ़ने की शकित देता है।अनुताप व्यकित की समस्त कमियों- उसकी पशुता, कायरता, संयमहीनता, दुष्प्रवत्ति आदि को दूर करने में सहायक है। यही उसकी महत्ता है।
is this enough. .....
यदि अहंकार, आत्माभिमान या लोक-लज्जा के कारण व्यकित अपनी भूल नहीं स्वीकारता तो इससे उसकी अधोगति होती है। अपनी त्राुटियों, भूलों, अपराधों आदि को छिपाये रखना सामाजिक रूप से भी हानिकारक है।
लेखक चाहता है कि हमारे देशवासियों में अपना दोष स्वीकारने और उस पर अनुताप करने की शकित होनी चाहिए। यदि ऐसा हो सके तो वर्तमान भ्रष्ट राजनीतिक पुरूष भी अपना चरित्रा सुधार लेंगे और हमारे देश का कल्याण होगा।
itsmeaysha:
Oh. .sry u need it in english....
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