The summary of naya rasta in hindi ch 16
ishaagrawal:
naya rasta is a novel. so do you want summary of chapter 16 of that novel?
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नया रास्ता - पाठ - १६
आशा की शादी को दो दिन रह गए थे और तयारियां जोरो शोरो से चल रही थीं | मीनू भी अपने हॉस्टल से दो दिन पहले ही आ गयी थी | दोनों बहने शादी के कामो में खूब हाथ बटा रहे थे | सभी को चिंता थी की मीनू की बुआजी उससे कुछ ऐसा ना कह दें जिससे उसे ठेस पहुचे | दयाराम जी ने अपनी बहन को इस बात का ख्याल रखने को कहा की वो उससे उसकी शादी के विषय में कुछ ना पूछे | बुआजी ने कहा की पहले मीनू की शादी होनी चाहिए क्यूंकि वो बड़ी है , दयाराम जी ने कहा की इन सब बातों को अब कोई नहीं मानता और वे उसकी वकालत की पढाई पूरी होने के बाद सोचेंगे |
अगले दिन शादी की कुछ रस्मे हो रही थी| एक रस्म के अनुसार लड़की की बहन को उसकी आरती उतारनी थी | जब मीनू आरती को उठी तब सभी ने उसपे कटाक्ष करने शुरू किये की उसकी अभो शादी नहीं हुई जिसे सुनकर मीनू उदास हो रही थी और उसका अकेले में रोने आ मन हो रहा था | रस्में खत्म होने पर मीनू अकेले में रोने लगी और आशा की आने पे बातों में व्यस्थ हो गयी |
अगले दिन शादी थी | मीनू हरे रंग की साड़ी पहन कर तैयार होकर नीचे आ गयी और सहेलियों से बातें करने लगी | इतने में उसे दो महिलाओं की बातें सुनाई दी जो मीनू की शादी के बारे में बातें कर रहीं थीं | वे लोग चर्चा कर रहे थे की आजकल लड़कियों का नखरा बहुत होता है और वकालत पढने तक रुकने की क्या जरुरत है | उनकी बातें सुनकर मीनू उदास हो गयी पर अपने चेहरे पे कोई भाव आने न दिया | शादी अछे से संपन्न हुई और विदाई की समय पूरा परिवार रोया आशा को विदा करके | माँ बाप को रोता देख मीनू का दिल अपनी माँ के लिए स्नेह से भर गया और वो सोचने लगी की वो हमेशा उनका ध्यान रखती और हमेशा उनके लिए चिंता करती रही | वो सोची की यह कैसी प्रथा है जो एक बेटी को उसके माँ बाप से अलग कर दे | अपनी माँ के आसूं पोछकर वो बोली की उन्हें दुखी होने की जरुरत नहीं कक्यूकि उनकी बड़ी बेटी उनका ख्याल रहेगी | माँ ने उसे गले से लगाया और कहा की बेटियां पराया धन होती हैं और अपने घर में ही शोभा देती हैं |
अगले चार दिनों तक सब काम समेटने में लग गए और मीनू ने भी खूब हाथ बटाया | उसे अब अपनी पढाई की चिंता हुई और वो जानती थी अभी उसे और लगन से पढना होगा | उसकी माँ भी जानती थी की शादी के चक्कर में उसके दस दिन की छुट्टी हो गयी थी | उन्होंने उसे हॉस्टल जाने की इजाज़त दे दी |
आशा की शादी को दो दिन रह गए थे और तयारियां जोरो शोरो से चल रही थीं | मीनू भी अपने हॉस्टल से दो दिन पहले ही आ गयी थी | दोनों बहने शादी के कामो में खूब हाथ बटा रहे थे | सभी को चिंता थी की मीनू की बुआजी उससे कुछ ऐसा ना कह दें जिससे उसे ठेस पहुचे | दयाराम जी ने अपनी बहन को इस बात का ख्याल रखने को कहा की वो उससे उसकी शादी के विषय में कुछ ना पूछे | बुआजी ने कहा की पहले मीनू की शादी होनी चाहिए क्यूंकि वो बड़ी है , दयाराम जी ने कहा की इन सब बातों को अब कोई नहीं मानता और वे उसकी वकालत की पढाई पूरी होने के बाद सोचेंगे |
अगले दिन शादी की कुछ रस्मे हो रही थी| एक रस्म के अनुसार लड़की की बहन को उसकी आरती उतारनी थी | जब मीनू आरती को उठी तब सभी ने उसपे कटाक्ष करने शुरू किये की उसकी अभो शादी नहीं हुई जिसे सुनकर मीनू उदास हो रही थी और उसका अकेले में रोने आ मन हो रहा था | रस्में खत्म होने पर मीनू अकेले में रोने लगी और आशा की आने पे बातों में व्यस्थ हो गयी |
अगले दिन शादी थी | मीनू हरे रंग की साड़ी पहन कर तैयार होकर नीचे आ गयी और सहेलियों से बातें करने लगी | इतने में उसे दो महिलाओं की बातें सुनाई दी जो मीनू की शादी के बारे में बातें कर रहीं थीं | वे लोग चर्चा कर रहे थे की आजकल लड़कियों का नखरा बहुत होता है और वकालत पढने तक रुकने की क्या जरुरत है | उनकी बातें सुनकर मीनू उदास हो गयी पर अपने चेहरे पे कोई भाव आने न दिया | शादी अछे से संपन्न हुई और विदाई की समय पूरा परिवार रोया आशा को विदा करके | माँ बाप को रोता देख मीनू का दिल अपनी माँ के लिए स्नेह से भर गया और वो सोचने लगी की वो हमेशा उनका ध्यान रखती और हमेशा उनके लिए चिंता करती रही | वो सोची की यह कैसी प्रथा है जो एक बेटी को उसके माँ बाप से अलग कर दे | अपनी माँ के आसूं पोछकर वो बोली की उन्हें दुखी होने की जरुरत नहीं कक्यूकि उनकी बड़ी बेटी उनका ख्याल रहेगी | माँ ने उसे गले से लगाया और कहा की बेटियां पराया धन होती हैं और अपने घर में ही शोभा देती हैं |
अगले चार दिनों तक सब काम समेटने में लग गए और मीनू ने भी खूब हाथ बटाया | उसे अब अपनी पढाई की चिंता हुई और वो जानती थी अभी उसे और लगन से पढना होगा | उसकी माँ भी जानती थी की शादी के चक्कर में उसके दस दिन की छुट्टी हो गयी थी | उन्होंने उसे हॉस्टल जाने की इजाज़त दे दी |
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very good .....................
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