Hindi, asked by premmee12, 12 hours ago

The tradition of treating rivers as mother is very old here, but in what other forms does the author Nagarjuna see them?​

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Answered by Sakshi12138
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Answer:

उत्तर:- नदियों को माँ मानने की परंपरा भारतीय संस्कृति में अत्यंत पुरानी है। नदियों को माँ का स्वरुप तो माना ही गया है लेकिन लेखक नागार्जुन ने उन्हें बेटियों, प्रेयसी व बहन के रूपों में भी देखते है।

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