Hindi, asked by maluponnu2008, 4 months ago

thennali raman chathurai

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Answered by kirat7524
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राजा कृष्णदेव राय के महल में एक विशाल उद्यान था। वहां विभिन्न प्रकार के सुंदर-सुंदर फूल लगे थे। एक बार एक विदेशी ने उन्हें एक पौधा उपहार में दिया जिस पर गुलाब उगते थे। बगीचे के सभी पौधों में राजा को वह पौधा अत्यंत प्रिय था।

एक दिन राजा ने देखा कि पौधे पर गुलाब की संख्या कम हो रही है। उन्हें लगा कि हो न हो, अवश्य ही कोई गुलाबों की चोरी कर रहा है। उन्होंने पहरेदारों को सतर्क रहने तथा गुलाबों के चोर को पकड़ने का आदेश दिया।

अगले दिन पहरेदारों ने चोर को रंगेहाथ पकड़ लिया। वह और कोई नहीं, तेनाली का पुत्र था।

उस समय के नियमानुसार किसी भी चोर को जब पकड़ा जाता था तो उसे विजयनगर की सड़कों पर घुमाया जाता था। अन्य लोगों की तरह तेनालीराम ने भी सुना कि उसके पुत्र को गुलाब चुराते हुए पकड़ा गया है।

जब तेनालीराम का पुत्र सिपाहियों के साथ घर के पास से गुजर रहा था, तो उसकी पत्नी तेनाली से बोली, 'अपने पुत्र की रक्षा के लिए आप कुछ क्यों नहीं करते?'

इस पर तेनालीराम अपने पुत्र को सुनाते हुए जोर से बोला, 'मैं क्या कर सकता हूं? हां यदि वह अपनी तीखी जुबान का प्रयोग करे, तो हो सकता है कि स्वयं को बचा सके

Answered by divyatadixit56
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सोलहवीं सदी (1509 से 1529 ) में विजयनगर की सत्ता महाराज कृष्णदेव राय के हाथों में थी। उनके दरबार में एक से बढ़कर एक दरबारी हुआ करते थे, और उन्हें में से एक थे महाचतुर तेनालीराम। अक्सर महाराज किसी अनसुलझी गुत्थी को सुलझाने के लिए तेनालीराम की मदद लिया करते थे। कालांतर में तेनालीराम एक प्रसिद्द किरदार बन गए और अकबर-बीरबल की तरह उनके जीवन से भी कई चतुराई भरे किस्से जोड़ दिए गए। इस तरह तेनालीराम की चतुराई भरी कहानियां प्रसिद्द होती गयीं और बच्चों के साथ-साथ बड़ों की भी शिक्षा और मनोरंजन का जरिया बन गयीं.


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