there is a paragraph the question are related to it
here is the paragraph
यह धरती कितना देती है ! धरती माता
कितना देती है अपने प्यारे पुत्रों को।
नहीं समझ पाया था मैं उसके महत्व को-
बचपन में , छि: स्वार्थ लोभ वश पैसे बोकर !
रत्न प्रसविनी है वसुधा, अब समझ सका हूं।
इसमें सच्ची ममता के दाने बोने हैं,
इसमें जन क्षमता के दाने बोने हैं,
इसमें मानव-ममता के दाने बोने हैं,
जिससे उगल सके फिर धूल सुनहली फसलें
मानवता की - जीवन श्रम से हंसे दिशाएं !
हम जैसा बोएँगे वैसा ही पाएंगे !
pls help me with this fast
pls no spam
plss
i want the answer fast !!!
Attachments:
Answers
Answered by
2
The Answer was 3third one
Answered by
3
Answer:
bas karo ji return bhi karne hai
Similar questions