There is no death, only a change of worlds. Explain the significance of this line.
Answers
This questions is related to spirituality so I'm going to use Hindi/Sanskrit for this.
ॐ....
न जायते म्रियते वा कदाचिन्नायं भूत्वा भविता वा नभूय।
अजो नित्यः शाश्वतोsयं पुराणों न हन्यते हन्यमाने शरीरे।।
भावार्थ...
यह आत्मा न कभी जन्म लेती है और न कभी मरती है।यह पैदा होकर फिर होने वाली नहीं है।यह जन्म रहित, हमेशा रहने वाली शाश्वत और अनादि है।शरीर के मारे जाने पर भी यह मारी नहीं जाती।
मित्रों ....
यह शरीर ही है जो उत्पन्न होता है, बढता है,बदलता है, घटता है या क्षीण होता है और फिर विनाश को प्राप्त होता है।ये विकार शरीर के है किंतु आत्मा के ये सब विकार नहीं होते।
यह आत्मा कभी उत्पन्न नहीं होती।यह कभी बदलती भी नहीं है और न ही शरीर की तरह बढ़ती है।शरीर धीरे- धीरे क्षीण हो जाता है अर्थात वृद्धावस्था को प्राप्त होता है और शरीर कमज़ोर होता जाता है उसके अंग प्रत्यंग सही से कार्य नहीं करते।किन्तु आत्मा कभी क्षीण नहीं होती।वह सदा एक सी रहती है।शरीर क्षीण होकर उसका विनाश हो जाता है अर्थात मृत्यु को प्राप्त हो जाता है किंतु आत्मा कभी मरती भी नहीं है।शरीर उत्पन्न होता है और नष्ट होता है किंतु आत्मा न कभी उत्पन्न होती है और न कभी नष्ट होती है। मित्रों - तो फिर इस नश्वर शरीर से मोह कैसा .......
This is the right answer according to me and Lord Krishna. ensure that it is only the truth!
Answer:
this quote is spoken by Chief Seattle.
the summary of this line is that , after the physical death, the spirits still stay alive and wander about the beautiful places of this world that they loved in their life.
Explanation:
hope you like it.