Social Sciences, asked by yr014742, 3 months ago


5 विद्वत्वं च नृपत्वं नैव तुल्यं कदाचन।
स्वदेशे पूज्यते राजा, विद्वान् सर्वत्र पूज्यते।।5।।
अविद्यस्य कुतो​

Answers

Answered by vandanagrover43
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Explanation:

विद्वान व्यक्ति और राजा की कभी तुलना नहीं की जा सकती क्योंकि क्योंकि राजा तो केवल अपने देश में सम्मान को प्राप्त करता है लेकिन विद्वान की पूजा उसका सम्मान हर स्थान पर हर जगह पर होता है

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