धूल्हा-चौका अलग करने के लिए एक तनाव पैदा कर रहे हैं। बड़ी चखच तो खुद खा जाती है और खासी हम लोगों के लिए रख देती है। तुम व जीना मुहाल हो गया है। इधर तुम्हारी माँ अमरूद का पेड़ काटने को अशुभ बता रहे हैं। आदि-आदि। यह एक दुखद प्रसंग था। हालाँकि मैं अपनी बात पर ही जोर देनेवाली एक चिट्ठी माँ को लिख दी थी। श्न 1. लेखक के अनुसार लोगों को अब क्या द्रवीभूत नहीं कर पाता है? a. भाई-भाई का चूल्हा अलग करना b. बहू द्वारा घरवालों को बासी रोटी परोसना A. किसी का यक्ष्मा रोग से ग्रसित होना से d. अमरूद के पेड़ को अशुभ बताना
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धूल्हा-चौका अलग करने के लिए एक तनाव पैदा कर रहे हैं। बड़ी चखच तो खुद खा जाती है और खासी हम लोगों के लिए रख देती है। तुम व जीना मुहाल हो गया है। इधर तुम्हारी माँ अमरूद का पेड़ काटने को अशुभ बता रहे हैं। आदि-आदि। यह एक दुखद प्रसंग था। हालाँकि मैं अपनी बात पर ही जोर देनेवाली एक चिट्ठी माँ को लिख दी थी। श्न 1. लेखक के अनुसार लोगों को अब क्या द्रवीभूत नहीं कर पाता है? a. भाई-भाई का चूल्हा अलग करना b. बहू द्वारा घरवालों को बासी रोटी परोसना A. किसी का यक्ष्मा रोग से ग्रसित होना से d. अमरूद के पेड़ को अशुभ बताना
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