Hindi, asked by shemanthraj2005, 8 months ago

धूल और Hreसे लेखक का सकेस किसकी
और हर​

Answers

Answered by Anonymous
0

Answer:

'कामसूत्र' के रचयिता वात्स्यायन से कई सौ साल पहले यूनानी साहित्य में काम की अवधारणा पर व्यापक चर्चा हुई थी. प्लेटो का मानना था कि 'काम किसी पर अधिकार जमाने की आकांक्षा है'.

'सिम्पोज़ियम' में यूनानी नाटककार अरिस्टोफ़ैंस ने भी एक ऐसे समय का ज़िक्र किया था जब मानव अपने आप में परिपूर्ण हुआ करता था और उसे किसी दूसरे की ज़रूरत नहीं पड़ती थी.

नतीजा ये हुआ कि वो बहुत शक्तिशाली हो गया और देवताओं तक को चुनौती देने लगा. लेकिन देवताओं के राजा ज़ायस ने इससे निपटने का एक तरीक़ा निकाला और मानव को पुरुष और स्त्री दो भागों में बाँट दिया.

जिसका नतीजा ये हुआ कि मानव सीधा खड़ा होने लगा, दो पैरों पर चलने लगा और ऐसा लगने लगा कि उसके सामने के अंग विभाजित हो गए.

बकौल प्लेटो हमारी अपूर्णता ने हमें दूसरे भाग की चाहत के लिए मजबूर किया. प्लेटो सेक्स की पूर्णता की माँग के तौर पर व्याख्या करते हैं. हम हर उस चीज़ से प्यार करते हैं जो हमारी अपनी नहीं है. लेकिन फिर एक ऐसा समय भी आया जब सेक्स के बारे में कहा जाने लगा कि ये बेकार की चीज़ है. सेक्स गंदा है और इसे करना पाप है.

Similar questions