धूल पाठ का मूल भाव स्पष्ट कीजिए
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धूल' पाठ में लेखक ने धूल की महिमा, माहात्म्य व उपलब्धता व उपयोगिता का वर्णन किया है। इस पाठ के माध्यम से लेखक ने मजदूर किसानों के महत्त्व को स्पष्ट किया है। उनका मानना है कि धूल से सना व्यक्ति घृणा अथवा उपेक्षा का पात्र नहीं होता बल्कि धूलतो परिश्रमी व्यक्ति का परिधान है।
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