Chemistry, asked by mk8633976, 4 months ago

धौलावीरा की लिपि हड़प्पा की लिपि से कैसे भिन्न है?​

Answers

Answered by pratyush15899
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Explanation:

हड़प्पा की लिपि:

हड़प्पाई लिपि में लगभग 64 मूल चिन्ह हैं जो सेलखड़ी की आयताकार मुहरों, तांबे की गुटिकाओं आदि पर मिलते हैं।

इस लिपि का सबसे पुराना नमूना 1853 ई. में मिला था, जबकि 1923 ई. तक पूरी लिपि प्रकाश में आ गई थी, परन्तु अभी तक इसको पढ़ा नहीं जा सका है।

हड़प्पा लिपि मुख्यतः भावचित्रात्मक है, जिसका हर अक्षर किसी ध्वनि, भाव या वस्तू का सूचक है।

धौलावीरा:

★ गुजरात के कच्छ जिले के भचाऊ तहसील में स्थित है।

★ इसकी खोज 1967-68 में जे0पी0 जोशी ने किया।

★ यह नगर आयताकार तथा तीन भागों किला, मध्य नगर, निचला नगर में विभाजित था।

धौलावीरा से सैन्धव लिपि के दस ऐसे अक्षर प्रकाश में आये हैं जो काफी बड़े हैं तथा विश्व की प्राचीन अक्षर माला में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

उनकी खुद की एक लिपि याने के एक भाषा थी जिसे सिंधु लिपि से जाना जाता है। साथ में उन्होंने कई साहित्यों की भी रचना की थी।

उनकी चित्रों के प्रति भी काफी अच्छी समज थी जो आज भी यहाँ के म्यूजियम में स्पस्ट रूप से देखि जा सकती है।

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